उदयपुर। शहर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र में एक वृद्ध दम्पति ने गले में कपड़े से भगवद् गीता बांधकर आत्महत्या कर ली। मृतक दम्पति लम्बे समय से बीमार चल रहे थे और मानसिक रूप से परेशान भी थे।
पुलिस के अनुसार रघुदास वैष्णव (62) पुत्र नारायण दास निवासी लकड़वास प्रतापनगर अपनी पत्नी मांगीबाई (60) कई सालों से बीमार चल रहे थे और मानसिक रूप से परेशान भी चल रहे थे। रघुदास गांव में ही स्थित ठाकुरजी मंदिर में पुजारी का काम करते थे। यह अपने बेटे, बहू के साथ एक ही घर में रहते थे। यह दम्पति उपर वाले फ्लोर पर और बेट अपने परिवार के साथ भूतल पर रहता था। सोमवार सुबह इनकी बहू इन्हें चाय देने केे लिए उपर गई तो दरवाजा बंद था। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला पुत्रवधू ने अपने पति गणपत दास को बताया, जिस पर गणपत दास ने उपर जाकर दरवाजा में से झांककर देखा तो दोनों लटके हुए थे। बेटे ने यह देखकर शोर मचाया तो पास-पड़ोस के लोग आ गए। लोगों ने यह देखकर पुलिस को सूचना दी, जिस पर थाने से जाब्ता पहुँचा और शव को उतरवाया। मृतक पति-पत्नी दोनों के गले में कपड़े से भगवद् गीता बंधी हुई थी। पुलिस ने शवों को मोर्चरी में रखवाया। मृतक के पुत्र ने बताया कि दोनों मानसिक रूप से परेशान थे। एएसआई औंकर सिंह ने मामला दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।