उदयपुर। राष्ट्रसंत मनोज्ञाचार्य पुलक सागर महाराज का ससंघ मंगल प्रवेश हुआ को डबोक स्थित केआरई अरिहंत नगर में मंगल प्रवेश हुआ । केआरई अरिहंत नगर के दिनेश खोड़निया ने बताया कि आचार्य श्री का भव्य मंगल प्रवेश बुधवार सायं 6 बजे ढोल नगाड़ों एवं जयकारों के साथ हुआ । आदिश खोड़निया ने बताया कि गुरुवार प्रातः 8.30 बजे कार्यक्रम की शुरुआत चित्र अनावरण एवं दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद खोड़निया परिवार की ओर से आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन हुआ । उसके बाद आचार्य श्री ने भव्य धर्मसभा को संबोधित किया एवं कहा कि उदयपुर मुझे अतिप्रिय है, ऐसा लगता है कि 17 साल बाद में पुनः अपने घर लौट रहा हूं ।

आचार्य श्री ने कहा कि मैं उदयपुर में नहीं, जन जन के हृदय में प्रवेश करने के लिए आ रहा हूं, ज्ञान गंगा महोत्सव प्रवचन श्रृंखला के माध्यम से सर्वसमाज को में एकता के सूत्र में बांधने के लिए आ रहा हूं । चातुर्मास के अध्यक्ष विनोद फांदोत ने बताया कि प्रवचन के पूर्व शहर विधायक ताराचंद जैन, सकल जैन समाज के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत एवं चातुर्मास के मुख्य संयोजक एवं पूर्व उपमहापौर पारस सिंघवी ने अपने विचार रखे । कार्यक्रम में सकल जैन समाज के अध्यक्ष मौजूद रहे एवं आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्रदान किया। कार्यक्रम में आसपास के मेवाड़ वागड़ के कई श्रद्धालु एवं पुलक मंच के सदस्यों ने भाग लिया ।
धर्मसभा के बाद आचार्य श्री ससंघ की आहारचर्या हुई प्रचार प्रसार मंत्री विप्लव कुमार जैन ने बताया कि सायं 6 बजे मंगल आचार्य श्री की भव्य मंगल आरती एवं अन्तर्राष्ट्रीय जैन गायक अजीत जैन द्वारा भव्य भक्ति संध्या का आयोजन हुआ । कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय कवि बलवंत बल्लू ने अपनी कविताओं एवं हास्य रचनाओं के माध्यम से सभी को खूब हंसाया । संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन प्रकाश सिंघवी एवं डॉ. सीमा चम्पावत ने किया । आचार्य श्री का रात्रि विश्राम अरिहंत नगर में ही हुआ एवं शुक्रवार को आचार्य श्री प्रातःकालीन उदयपुर हेतु विहार कर देबारी स्थित श्री पार्श्वनाथ मन्दिर पहुंचेंगे ।
– 17 साल बाद झीलों की नगरी में होगा चातुर्मास
वर्ष 2008 के बाद एक बार पुन: झीलों की नगरी उदयपुर को एक बड़ा संत सानिध्य मिलने वाला है, राष्ट्रसंत जैनाचार्य पुलक सागर महाराज का वर्ष 2025 का भव्य चातुर्मास उदयपुर में सम्पन्न होने जा रहा है। अखिल भारतीय पुलक जन चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद फांदोत ने बताया कि 6 जुलाई को भव्य मंगल प्रवेश उदयपुर में होगा । आचार्य श्री ने 2008 में उदयपुर में चातुर्मास किया था, उसके 17 वर्षों बाद आचार्य श्री का सानिध्य पुन: उदयपुर को मिलने वाला है ।