उदयपुर। शहर की हिरणमगरी थाना पुलिस ने सूने मकानों और फ्लैट्स के ताले तोड़कर करीब एक करोड़ मूल्य की नकदी और जेवरात चोरी करने वाले मामा भील गिरोह का पर्दाफाश करते हुए इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह इतना शातिर है कि एक भी बार पकड़ा नहीं गया और अब तक पूरे देश मेें एक दर्जन से अधिक वारदातें कर चुका है। इस गिरोह को पकड़ने के लिए पुलिस एक माह तक मध्यप्रदेश में डेरा डाले बैठी रही और बड़ी मशक्कत से पकड़कर लाई। इस गिरोह ने उदयपुर में ही चार-पांच वारदातें करना स्वीकार किया है।
पुलिस के अनुसार 30 मई को मुकेश चौधरी ने मामला दर्ज करवाया कि कृष्णा आंगन अपार्टमेंट फ्लैट नंबर 401 बी ब्लॉक न्यू विद्यानगर सेक्टर 4 में करता है। उसकी पत्नी व बच्चे 25 मई को ससुराल धुणीमाता डबोक चले गए। 28 मई को शाम वह आवश्यक कार्य के लिए जयपुर चला गया। 30 मई को सुबह घर पर दूध देने आए रामलाल पटेल ने फोन कर बताया कि उसके फ्लैट्स का ताला टूटा हुआ है। उसने अपनी पत्नी दीपिका चौधरी को फ्लेट पर भेजा और वह भी जयपुर से रवाना होकर उदयपुर आया। अलमारी में रखे 40 लाख रूपए, सोने के जेवरात 37 तोला जेवरात चोरी कर ले गए।
इस पर एसपी भुवन भुषण यादव ने इस तरह की वारदातों के खुलासे के लिए थानाधिकारी रामसुमेर के नेतृत्व में एसआई प्रशिक्षु अंकित सामरिया, एएसआई साईबर सेल गजराज, कांस्टेबल रामजीलाल, किरण, मुकेश कुमार, नंदकिशोर, लोकेश रायकवाल, टांडा थानाधिकारी विजय वास्ले, हैड कांस्टेबल साईबर सैल खरगोन आशीष अजनारे की टीम का गठन किया। इस टीम ने इस कॉम्पलेक्स में लग रहे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चैक किए तो उसमें कुछ लोग मुहँ पर मास्क बांधकर कॉम्पलेक्स में जाते हुए नजर आ रहे थे।
इस पर पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए टोल नाकों को चैक किया और लगातार प्रयास के बाद पुलिस ने टाण्डा जिला धार मध्यप्रदेश से मामा भील गिरोह के शाहदर पुत्र मानसिंह भील निवासी गुराडिया टांडा धार, कनिया पुत्र गुरजीया भील निवासी बगोली फलां पलासीया टांडा धार, मोहब्बतसिंह पुत्र कुंवरसिंह भील निवासी बगोली फलां टांडा धार, खडकसिंह पुत्र रमेश भील निवासी चौकीदारपुरा बगोली टांडा धार, ज्ञानसिंह पुत्र थानसिंह निवासी गुराडिया टांडा धार, रंगा भील निवासी बगोली टांडा धार मध्यप्रदेश का खुलासा किया। मध्यप्रदेश पुलिस की सहायता से इस गिरोह में से शाहदर भील, कनिया भील, मोहब्बतसिंह भील को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपियों ने चोरी करना स्वीकार किया गया। आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया जहां से 8 दिन के रिमाण्ड पर प्राप्त किया गया।
ऐसे करते थे चोरियां
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे गांव से एक साथ गाड़ी लेकर निकलते थे और उदयपुर में आकर ढाबे पर खाना खाकर रैकी करते थे। कॉम्पलेक्स में जाकर जो भी खाली फ्लैट होता उसके ताले तोड़कर उसमें जो भी हाथ आता था, वह लेकर पुन: मुख्य गेट से ना निकलकर दीवार फांदकर फरार हो जाते। ये आरोपी इतने शातिर है कि वारदात के तत्काल बाद शहर छोड़ देते।
फोन को गांव में ही छोड़कर आते
पुलिस के अनुसार आरोपी नकबजन अपने फोन को गांव में ही छोड़कर आते थे। गांव में ही आपस में फोन पर बात कर चोरी करने का स्थान तय कर फोन को गांव में ही छोड़कर वारदात कर फरार हो जाते। जो भी पैसा आता ये लोग आपस में बराबर बांट देते।
यहां-यहां पर की चोरी की वारदातें
आरोपियों ने उदयपुर के साथ-साथ पूना में पांच वारदातें और भीलवाड़ा में भी वारदातें करना स्वीकार किया है। यहां से ये लाखों रूपए चोरी कर ले जा चुके है।
मुहँ पर मास्क बांधे रखते
पुलिस के अनुसार ये बदमाश अपने मुहँ पर मास्क बांधे रखते थे ताकी पहचान ना हो सकें। सीसीटीवी में जहां पर भी ये फुटेज में कैद हुए थे, वहां पर उन्होंने मास्क बांधा हुआ था। ऐसे में पुलिस को इनकी शक्लें साफ तौर से नजर नहीं आ रही थी। घटना के बाद पुलिस से बचने के लिये साथ लाए कपडे चैंज कर लेते है।
उदयपुर में एक करोड़ से चोरियां करना स्वीकारा
पुलिस पूछताछ में इन बदमाशों ने उदयपुर में तीन स्थानों पर एक करोड़ से अधिक की नकदी और जेवरात चोरी करना स्वीकार किया है। आरोपियों ने सिल्वर स्क्वेयर अपार्टमेंट में एक सूने फ्लैट पर चोरी करने गए थे, जहां पर कुछ नहीं मिला तो जाते समय एक वृद्धा से सोने की चेन लूट कर ले गए। इसी तरह इन आरोपियों ने कृष्णांगन अपार्टमेंट में से 50 हजार रूपए चोरी कर ले गए थे।
एक भी बार पकड़ में नहीं आए। आरोपी इतने शातिर है कि ये एक भी बार भी पकड़ में नहीं आए, जिससे इनका हौंसला बढ़ता गया और लगातार चोरियों की वारदातें करते रहे। अब धीरे-धीरे इन्होंने कहां-कहां पर वारदातेंं की है यह सामने आ रही है।