डूगंरपुर जिले के जिला परिषद एक्सईएन अजय भार्गव को डाक बंगला में 45 हजार की रिश्वत के साथ एसीबी की टीम ने रंगे हाथो गिरफ्तार किया। परिवादी से मनरेगा के निर्माण मद में कमीशन के रुप में रिश्वत की मांग की थी। इस पर एसीबी की टीम ने गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए उदयपुर ले गई।
पंचायतीराज में मनरेगा की स्वीकृति दिलाने के लिए जिला परिषद एक्सईएन अजय भार्गव को 45 हजार रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया है। भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश ओझा ने बताया कि पंचायत समिति दोवड़ा के ग्राम पंचायत सत्तु में परिवादी की ओर से उदयपुर ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें मनरेगा एक्सईएन अजय भार्गव पुत्र बसंतकिशोर भार्गव निवासी कोटा की ओर से मनरेगा के कार्य के स्वीकृत कार्य में सामग्री मद से दो प्रतिशत कमीशन मांग रहा है। एक्सईएन अजय भार्गव ने कुल 80 हजार रुपए की मांग रखी।
जिस पर एसीबी टीम ने परिवाद के आधार पर 7 अक्टूबर और 10 अक्टूबर को अजय भार्गव को सत्यापन राशि के 20 हजार दिलवाए। वही 45 हजार की राशि लेकर परिवादी बुधवार सुबह डाक बंगले पहुंचे। एक्सईएन पिछले कई सालों से इस डाक बंगले में रह रहा था। एक्सईएन की ओर से सुबह 9.30 बजे जिला परिषद ऑफिस की ओर रवाना हो रहे थे। परिवादी की ओर से 45 हजार देने पर एक्सईएन भार्गव ने पैसे लेकर अपनी कार में रख दिए। इसके बाद कार लॉक कर पुन: अपने डाक बंगले के कमरे में पहुंच गए।
एसीबी की टीम ने उन्हें कमरे से दबोच लिया। जहां पर एक्सईएन भार्गव की ओर से पैसे लेते समय स्याही हाथों में लगी हुई थी। इसके बाद करीब तीन घंटे लम्बी पूछताछ में एक्सईएन ने कमीशन लेने की बात स्वीकार कर ली। वही एसीबी की टीम की ओर से मनरेगा की स्वीकृति के बदले कमीशन के खेल की पूरे जानकारी जुटाई जा रही है। इस कमीशन में अन्य अधिकारी और कार्मिक के शामिल होने की पूछताछ की जा रही है।