शहर में बुधवार को बारिश नहीं हुई, लेकिन कैचमेंट से आवक बनी रही। स्वरूपसागर और फतहसागर के गेट खुले रहते आयड़ नदी के रास्ते उदयसागर और वहां से वल्लभनगर बांध तक बहाव जारी है। अब वल्लभनगर बांध 19.4 फीट क्षमता के मुकाबले करीब डेढ़ फीट ही खाली है।
दूसरी ओर, मानसी वाकल बांध भी छलकने को है। शहर की 100 कॉलोनियों और झाड़ोल उपखंड के करीब दो दर्जन गांव-कस्बों की प्यास बुझाने वाला यह बांध 581.2 मीटर क्षमता से सिर्फ डेढ़ फीट खाली है। दोपहर तक इसका जलस्तर 580.75 मीटर हो गया। इसमें कैचमेंट से आवक बनी हुई है। ऐसे में इसके गुरुवार तक ओवर फ्लो होने की संभावना है।
मौसम विभाग में उदयपुर और संभाग में बारिश के संकेत दिए थे, लेकिन यहां बादल छाए रहे। दोपहर तक धूप-छांव के बीच गर्मी और उमस फिर बेचैन करने लगी। इससे पहले मंगलवार शाम तक सीसारमा नदी में 4 फीट से ज्यादा बहाव बना रहा। यह पानी पीछोला, स्वरूपसागर होते हुए आयड़ नदी में जा रहा है।
पहली बार बड़ी तालाब पर शहरवासियों ने एक फीट से ज्यादा चादर देखी है। बीते ढाई दशक में यह झील तीसरी बार छलकी है। इससे पहले अगस्त 2022 और सितंबर 2006 में ओवर फ्लो होने के समय इस पर एक-दो इंच चादर ही थी। उधर, वल्लभनगर बांध का जलस्तर 18 फीट के करीब जा पहुंचा है। इसकी क्षमता 19.4 फीट है। इसके ओवर फ्लो होते ही पानी बड़गांव बांध में जाएगा।