बांसवाड़ा के प्रसिद्ध स्मारक एवं समाज सुधारक गोविंद गुरू की साधना स्थली मानगढ़ धाम को राज्य सरकार राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित कराएगी। इसके लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने डीपीआर बनाने के लिए 1 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।
गहलोत ने विश्व आदिवासी दिवस पर मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक के रूप में विकसित कराने और 100 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य करवाने की घोषणा की थी।
मानगढ़ धाम गुजरात और राजस्थान की सीमा पर पहाड़ी पर स्थित है। 1913 पर मानगढ़ धाम पर गोविंद गुरु महाराज अपने भक्तों के साथ आंदोलन कर रहे थे,तभी ब्रिटिश सरकार ने सभी पर हमला कर दिया था। इस नर संहार में 1500 से अधिक आदिवासी समाज के भाई बहन शाहिद हुए थे। इस मानगढ़ धाम को राजस्थान का जलियां वाला बाग हत्याकांड के रूप में भी देखा जाता है। यहां हर साल 17 नवंबर को आयोजन होता है और शाहिद हुए लोगो को नमन किया जाता है।