मंदिर को भगवान का घर कहा जाता हैं, यहां हज़ारों लोग अपनी मन्नत पुरी होने की कामना करते हैं। वहीं अपनी दुआ कबूल होने पर खुश हो कर भगवान को करोड़ों रुपए का चढ़ावा भी चढ़ाते हैं। लेकिन जब यह चढ़ावा मंदिर में मौजूद लोग ही डकार जाए तो फिर आप क्या कहेंगे? और गबन भी कोई छोटा मोटा नहीं बल्कि करोड़ों रुपए का।
कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है उदयपुर के समीपवर्ती जिले राजसमंद में। एक प्रसिद्ध 700 साल पुराने शिशोदा भेरू मंदिर में 123 करोड़ रुपए का गबन हुआ हैं। परिवादी ने आरोप लगाया कि मंदिर के पुजारी और मुनीम सहित कुल 4 लोगों ने गबन किया हैं। भगवान सिंह नाम के परिवादी ने पुजारी विजयसिंह, मुनीम रूप सिंह, अंबालाल और गणेश लाल के खिलाफ थाने एफआईआर करवाई, उन्होंने बताया कि मंदिर में इस तरह का गबन लाखों श्रद्धालु की भावना को ठेस पहुंचाता है। इस मामले में जब पुलिस ने मामले में कार्रवाई नहीं की तो उन्हें कोर्ट का रुख करना पड़ा। जब मामला कोर्ट में पहुंचा तो अब कोर्ट ने हाई लेवल एजेंसी से इसकी जांच कराने के आदेश दिए हैं।
इस मामले में कोर्ट ने कहा परिवादी द्वारा कई बार थाने में शिकायत की गई, लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोर्ट में मामला आने के बाद कई बार खमनोर पुलिस को मामले में अनुसंधान कर जांच सौंपने के लिए कहा था। लेकिन खमनोर पुलिस थाने के तत्कालीन थानाधिकारी द्वारा मामले में सही अनुसंधान नहीं किया गया और लापरवाही बरती गई। साथ ही मामले की जांच उपनिरीक्षक रैंक के अधिकारी द्वारा की जा रही थी, जबकि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए किसी उच्च अधिकारी द्वारा कराया जाना न्यायोचित होता।
बता दे कि राजसमंद में स्थित यह मंदिर काफी सालों पुराना हैं। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मन्नत पुरी करने की कामना के साथ आते हैं। करोड़ों रुपए के घोटाले होने से न सिर्फ श्रद्धालु का विश्वास टूटेगा बल्कि यहां पर भक्तों द्वारा किए जाने वाले दाने में भी कमी आएंगी।