उदयपुर। देवाली की पहाड़ियो पर स्थित नीमच माता मंदिर में शहरवासियों के साथ कई पर्यटक यहां दर्शन के लिए आते हैं लेकिन इस मंदिर तक पहुंचने के लिए बनी सीढ़ियों के झर्झर होने से मंदिर तक पहुंचने में भक्तों की जिंदगी खतरे में पड़ती दिखाई दे रही हैं। सीढ़ियों पर लगा प्लास्टर पूरी तरह से टूट चुका हैं।
प्लास्टर गिरने से सीढियों में लगे लोहे के सरिए साफ दिखाई देने लगे हैं। वहीं सीढियो के दोनों तरफ कुछ जगहों पर रेलिंग के टूटने से वहां पर लकड़ी की बल्लियां लगाई गई हैं। इसके साथ ही मन्दिर परिसर की रेलिंग भी टूट चुकी हैं, रेलिंग के टूटने से बड़ी दुर्घटना हो सकती है क्योंकि नीचे खाई हैं। ऐसे में कोई भी श्रद्धालु या छोटे बच्चे खाई में गिर सकते हैं। यहां पर नवरात्रि के दिनों में भक्तों का हुजुम उमड़ता हैं।
डीएफओ नॉर्थ जोन उदयपुर अजय चित्तौड़ा का कहना है कि यह मामला अभी संज्ञान में आया है, पोस्टिंग कुछ समय पहले ही हुई हैं। नीमच माता मंदिर के भक्तों की ओर से मुझे प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ हैं। इस बात को लेकर जिला कलेक्टर को सूचित कर दिया गया हैं। विभाग की ओर से जल्द ही काम करवाने की प्रक्रिया शुरु करवा दी जाएगी।
भक्त देवेन्द्र सिंह सलूजा ने बताया कि वह इस मंदिर में 34 सालों से सेवा कर रहे हैं। नीमच माता का मंदिर बहुत पुराना हैं और यहां पर आने वाले भक्त पहाड़ पर चढ़कर आते थे लेकिन इसके बाद प्रशासन की ओर से सीढ़ियों के साथ—साथ दोनों तरफ रेलिंग भी लगवाई गई साथ ही रैंप भी बनवाया गया लेकिन रैंप की दूरी अधिक होने से अधिकांश भक्त सीढ़ियों का ही उपयोग करते हैं। इसकी वजह से अब सीढ़िया भी टूटने लगी हैं वहीं कुछ जगहों से रेलिंग भी गायब हो गयी हैं।
इस समस्या के बारे में जिला प्रशासन को 2 साल में कई बार अवगत करवाया लेकिन इस मसले पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और दिनों दिन सीढ़ियों की स्थिति और खराब होती गई। कई बार अधिकारी बात को सुन लेते लेकिन उस पर कोई एक्शन नहीं लेते। इधर वन विभाग के ध्यान में पूरा मामला आने के बाद विभाग ने सीढ़ियों की मरम्मत के लिए सरकार को पत्र लिखकर बजट आंवटन की मांग की। इस पर सरकार ने एक्शन लेते हुए बजट भी जारी कर दिया हैं लेकिन अब विभाग की और से इसमें देरी की जा रही हैं।
बता दे कि कुछ दिनों पहले देवजुलनी ग्यारस का त्यौहार मनाते हुए मांझी की सराय के मन्दिर की छत गिरने से 2 महिलाओं की मृत्यु हो गई थी।