उदयपुर, 19 अगस्त। उदयपुर के नैसर्गिक सौन्दर्य को उदयपुर की आम जनता से रूबरू कराने हेतु संन 2011 वन विभाग, वन्यजीव, उदयपुर द्वारा चलाई गयी इस मुहीम वन भ्रमण का नाम दिया गया। 2011 से 2014 तक हर बार विभाग द्वारा उदयपुर की आम जनता को विभाग द्वारा अलग अलग परिथितिकी स्थान जैसे सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण्य, फुलवारी की नाल सेंचुरी, रोली टॉडगढ़ सेंचुरी एवं बस्सी वन्यजीव अभ्यारण्य ले जाया जाता था।
2011 में उप वन संरक्षक रहे आर के जैन हर रविवार उदयपुरवासियों के साथ अन्य वन कर्मियों की सहायता से गोरम घाट जल प्रपात, भील बेरी जल प्रपात, कठावली झेर ट्रेक, तो कही सीतामाता सेंचुरी स्थित जखम बाँध वातानुकूलित बसों से ले जाय करते थे। जंगल में स्वादिष्ट भोजन के साथ उदयपुर वासियो ने कई प्रकार की चिड़ियाओं, तितलियों, वनस्पतियो व् जानवरो को देखा। 2014 के बाद विभाग ने इस वन भ्रमण को बाहरी स्रोत को ठेके पर देना शुरू किया जिसके तहत कुछ साल यह भ्रमण और रंग लाया एवं लोगो को रुझान इस तरफ और बढ़ा।
इसके बाद कुछ तकनिकी कारणों एवं कोविड की वजह से यह वन भ्रमण उदयपुर वासियों से दूर हो गया। 2023 में उदयपुर सीसीएफ़ के रूप में जब जैन ने कार्य भार संभाला तो उनका वही सपना जो कुछ समय से उनसे दूर था वह एक बार फिर साकार हुआ, और अभी तक इस साल उदयपुर के कुछ 200 से अधिक पर्यावरण प्रेमियों ने इस भ्रमण का लाभ उठा चुके हैं। गोरम घाट की हेरिटेज रेल, जोग मंडी स्थित जल प्रपात, भील बेरी जलप्रपात एवं वाकल नदी का रौद्र देख सभी मंत्रमुग्ध हुए।
इसी कड़ी में इस बार का वन भ्रमण फुलवारी की नाल सेंचुरी में रखा गया है। इसके बाद सीतामाता अभ्यारण्य, जवाई बाँध, बस्सी वन्यजीव अभ्यारण्य जैसीअन्य जगहों का उदयपुर वाशी लुत्फ़ उठा पायेंगे। जैन ने बताया की हर बार की तरह इस बार भी वन भ्रमण को एक पैकेज के रूप में ढाला गया हैं जहा वन प्रेमियों को सुबह का नाश्ता, दिन का भोजन, शाम की चाय एवं वातानुकूलित वाहन द्वारा भर्मण करवाया जायेगा।
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