सीकर जिले में स्थित सुप्रसिद्ध खाटूश्याम बाबा का फाल्गुन मेले का आगाज शुक्रवार शाम 5 बजे होगा, 28 फरवरी से 11 मार्च चलने वाले इस मेले में लाखों भक्त खाटूश्याम बाबा के दर्शन करेंगे। देश के अलग-अलग राज्यों से भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचेंगे। मंदिर परिसर में इस बार वैष्णो देवी और शीश के दानी थीम पर सजावट की गई है। मंदिर के सिंह द्वार पर बर्बरीक श्रीकृष्ण को अपना शीशदान करते हुए नजर आ रहे हैं।

इसके साथ ही मंदिर में वैष्णो देवी की तर्ज पर लाल कपड़े से बंधे नारियल और घंटियां लगी हुई नजर आएगी। भक्तों को पिछले साल की तरह ही 14 लाइन से होकर बाबा की चौखट तक पहुंचना होगा। रींगस से खाटू तक कारपेट बिछाया जाएगा। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को खाटू धाम पहुंचने के बाद 8 किलोमीटर का सफर तय बाबा के दर्शन होंगे। रींगस रोड से आने भक्तों को नगरपालिका के नजदीक मुख्य प्रवेश द्वार से होकर आना होगा। यहां से वे हुए चारण मैदान पहुंचेंगे। चारण मैदान में टीन शेड से कवर अस्थाई जिगजैग बनाया गया है। इस जिगजैग से होते हुए लखदातार मैदान में पहुंचेंगे।
कौन है बाबा श्याम
हारे के सहारे बाबा श्याम को भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है। महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे। बर्बरीक के पास तीन ऐसी तीर थे, जो पूरे युद्ध को पलट सकते थे। इसी को लेकर भगवान श्रीकृष्ण ने ब्राह्मण का रूप में आए और उनसे शीश दान में मांग लिया। बर्बरीक ने भी बिना संकोच किया भगवान श्रीकृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा कि बर्बरीक तुम्हें कलयुग में श्याम के नाम से पूजे जाओगे, तुम्हें लोग मेरे नाम से पुकारेंगे और तुम अपने भक्तों के हारे का सहारा बनोगे।