उदयपुर। श्रावणी पूर्णिमा तिथि गुरुवार सुबह 7:05 बजे संपन्न हुई। उदियात यानी सूर्योदय को स्पर्श करने वाली तिथि की मान्यता के अनुसार शहर के श्रीनाथजी मंदिर सहित इससे जुड़े वैष्णव—श्रद्धालुओं ने इसी दिन रक्षा बंधन मनाया। मेवाड़ में रक्षाबंधन के दूसरे दिन ठंडी राखी मनाने के परंपरा भी है। ऐसे में लगातार दूसरे दिन बाजारों में आम दिनों के मुकाबले रौनक कम रही, घरों में दिन भर सुविधा से रक्षा सूत्र बांधे गए।
श्रीनाथजी में सुबह श्रंगार की झांकी में ठाकुरजी को राखी धारण कराई गई। इससे पहले मंगला दर्शन हुए। ग्वाल, राजभोग, उत्थापन आदि नियमित झांकी दर्शन में वैष्णवों—श्रद्धालुओं का रेला लगा रहा। श्रीनाथजी मंदिर की मान्यताएं रखने वाले परिवारों ने भी रक्षाबंधन मनाया। इससे पहले बुधवार को जगदीश मंदिर में श्रावणी पूर्णिमा मानी गई। ठाकुर जी को 51 किलो पुष्पों से सजाया गया। राखी भी धारण कराई गई।
शाम को जुगल जोड़ी सरकार को झूले में विराजित किया गया। ठंडी राखी पर शहर से सटे अमरखजी शिव धाम पर मेला भी शुरू हुआ। इसमें शहर सहित आसपास के गांवों से हजारों लोग शामिल हुए। इस अवसर पर अमरखजी महादेव को आक, कनेर, गुलाब के पुष्पों और बिल्व पत्र से सजाया गया।