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राजस्थान और मध्यप्रदेश से जुड़े मुद्दों पर मध्यप्रदेश और राजस्थान के राज्यपालों की संयुक्त बैठक आयोजित

उदयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में राजस्व विवादों के संबंध में सर्वे हो चुका है, इस संबंध में अधिकारी अब इस आधार पर उसके प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें। उन्होंने मध्यप्रदेश और राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के अंतर्गत भारत सरकार तथा राज्य सरकार की विकास योजनाओं, विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधित योजनाओं का समान रूप से लाभ दिए जाने का सुझाव भी दिया है।

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उन्होंने दोनों राज्यों की सरकार द्वारा क्रियान्वित बालिका शिक्षा, चिकित्सा, जनजाति कल्याण और अन्य विकास योजनाओं का लाभ समान रूप से दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों के लोगों को कैसे मिले, इस पर भी प्रभावी सोच रखते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से मामलों में दोनों राज्यों के अंतर्गत जातिगत आधार पर कई बार जो मुद्दे और विवाद होते हैं, उन पर समझाइश से प्रभावी स्तर पर समस्याओं का हल किए जाने की भी आवश्यकता है।

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल की संयुक्त अध्यक्षता में शुक्रवार को उदयपुर के संभागीय आयुक्त कार्यालय में इस संबंध में महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में मिश्र ने कहा कि उन्हें बहुत से स्तरों पर ऐसे मामलों के बारे में जानकारी मिलती है कि दोनों राज्यों की सीमा पर कहीं किसी प्रकार की दुर्घटना या लोगों की अकाल मृत्यु हो जाती है तो ऐसे मामले में स्थान निर्धारण को लेकर अनिर्णय की स्थिति में आम जन को बहुत परेशानी होती है। ऐसे मामलों में पोस्टमार्टम और अन्य प्रकार के अनुसंधान के संबंध में दोनों राज्यों के अधिकारी परस्पर समन्वय रखकर संवाद से त्वरित मामलों का समाधान कर समुचित कार्यवाही करें।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि चूंकि आने वाले समय में राजस्थान और मध्यप्रदेश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव होने हैं, इसलिए सीमावर्ती जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाए। आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था कैसे पुख्ता हो, इस पर अभी से विचार करें और अपराधियों को पकड़ने, अपराध रोके जाने के लिए पुलिस द्वारा आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए प्रभावी कार्य किया जाए।

राज्यपाल ने राजस्थान और मध्यप्रदेश से जुड़े सीमावर्ती जिलों में विकास के लिए परस्पर सहयोग से क्रियान्वित हो सकने वाले मुद्दों पर संवेदनशील होकर प्रभावी पहल कर कार्य किए जाने पर जोर दिया है। उन्होंने राज्यों के सीमावर्ती जिलों से जुड़े लंबित मुद्दों के समाधान और सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों के विकास के लिए हर संभव प्रभावी प्रयास किए जाने की भी आवश्यकता जताई।

बैठक में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने सीमावर्ती राज्यों के अधिकारियों द्वारा संयुक्त स्तर पर मिल बैठकर विकास से जुड़े मुद्दों पर एकमत होकर कार्य करने की आवश्यकता जताई ताकि बाद में किसी स्तर पर कार्य में किसी तरह की ढिलाई नहीं रहे।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने सीमावर्ती क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों के नियंत्रण एवं रोकथाम, राजस्व एवं वन भूमि के सीमांकन, कामगार पलायन आदि की चर्चा करते हुए इस संबंध में समयबद्ध प्रभावी कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अंतर्गत लोक कलाकारों और लोक कलाओं को भी संरक्षण दिए जाने पर कार्य करने की बात कही।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने बैठक में मध्यप्रदेश के 6 जिलों और राजस्थान के 9 जिलों की सीमाएं एक-दूसरे से लगती होने की चर्चा करते हुए कहा कि सीमावर्ती जिलों में अपराध और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए कारगर सुरक्षा तंत्र विकसित किया जाए। उन्होंने सीमावर्ती जिलों के राजस्व सीमाओं के सीमांकन, वन भूमि पर सीमा निर्धारण के मुद्दों के उचित एवं नियमानुकूल समाधान की दिशा में भी कार्य किए जाने पर बल दिया।

राज्यपाल कलराज मिश्र और मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल ने दोनों राज्यों के अंतर्गत लोगों द्वारा रोजगार के लिए पलायन की प्रवृत्ति को रोकने के उद्देश्य से राज्यों के भीतर ही रोजगार सुरक्षा के अवसर प्रदान करने के लिए नीति और योजनाओं का निर्माण किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग पलायन कर रहे हैं, उनके और उनके परिजनों को सुरक्षा, शिक्षा, आवास, पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित सभी मूलभूत सुविधाएं संबंधित राज्यों में सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पलायन करने वाले लोगों में बड़ी संख्या असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की होती है। ऐसे लोगों को उनका पूरा मेहनताना मिले और उनका किसी भी प्रकार शोषण नहीं हो, यह देखने की जरूरत है।

बैठक में मध्यप्रदेश के राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, राज्यपाल कलराज मिश्र के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल, कोटा संभागीय आयुक्त डॉ. प्रतिभा सिंह, उदयपुर संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों के जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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