उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर गुरूवार को एबीवीपी के छात्र चढ़ गए और जमकर हंगामा किया। दरअसल विश्वविद्यालय में पिछले कुछ दिनों से संविदा कर्मचारियों की हडताल चल रही थी। उनकी समस्याओं के निदान के लिए बुधवार को बैठक आयोजित हुई। बैठक में विज्ञान महाविद्यालय के डीन महेन्द्र सिंह ढाका ने संविदा महिला कर्मचारियों के अभद्र व्यवहार किया। वहीं दूसरी और संविदा कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए कमेटी का गठन नहीं हो सका। इस पर गुरूवार को एक बार फिर संविदाकर्मी हडताल पर चले गए। इस बार इन कर्मचारियों के समर्थन में विश्वविद्यालय में स्थाई रूप से कार्य करने वाले सभी कर्मचारी भी आ गए और प्रशासनिक भवन सहित महाविद्यालयों में पूरी तरह से कामकाज ठप्प कर दिया गया।
विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में सभी कर्मचारियों ने इकठ्ठा होकर संविदा कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की वहीं दूसरी और कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय की कुलपति से विज्ञान महाविद्यालय के डीन के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की। कर्मचारियों ने कहा कि डीन महेन्द्र सिंह ढाका के खिलाफ राज्यपाल के निर्देश पर विश्वविद्यालय के बोर्ड आफ मैनेजमेंट की ओर से प्रतापनगर थाने में मुकद्मा दर्ज करवाया गया है। इसके बावजूद उन्हें डीन बना देना गलत है।
संविदा कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष नारायण लाल सालवी ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से उन्हें लगातार झूठा आश्वासन मिल रहा है। विश्वविद्यालय की ओर से एक दिन में कमेटी का गठन करना था लेकिन नहीं हो सका। अब कर्मचारी संगठनों के साथ छात्र—संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के कान पर झूं नहीं रेंग रही हैं।
इधर अखिल भारतीय संयुक्त कर्मचारी संगठन अध्यक्ष भरत व्यास ने बताया कि कुलपति सुनीता मिश्रा ने ऐसे व्यक्ति को डीन बनाया है जिनके खिलाफ थाने में मुकद्मा दर्ज हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन उच्च अधिकारियों को यह समझा नहीं पा रहा है कि संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को विश्वविद्यालय में चलने वाले सेल्फ फाइनेंस कोर्स से होने वाली आय से भूगतान किया जाता है। बार—बार कर्मचारियों की हडताल की वजह से छात्र—छात्राओं की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है।