क्षिप्रा लेब पर सरकारी दवाओं के उपयोग की जानकारी मिलने पर गुरुवार को स्वास्थ्य भवन से टीम सहित छापे की कार्रवाई की गयी जिसमें औषधि नियंत्रक नेहा बंसल, कुलदीप सिंह यदुवंशी, डॉ मोहन धाकड़, डॉ अंकित जैन राजेन्द्र सोलंकी उपस्थित थे।
डॉ बामनिया ने बताया कि कार्यवाही के समय कंसल्टेंट डॉ भरत जैन एम डी रेडियोलॉजिस्ट से सम्पर्क करने पर रवि हेल्पर ने स्टोर का निरीक्षण करवाया जिसमें किसी प्रकार की सामग्री नहीं पायी गई। जांच टीम द्वारा जब सिटी स्कैन रूम खुलवाया गया तो रूम में लगे फर्नीचर की दराजों में सरकारी दवाइयां प्राप्त हुई साथ ही वेस्ट के दो पैकेट में खाली सरकारी इंजेक्शन वाइल प्राप्त हुई जो सिटी स्कैन के लिए मरीजों को दी जाती है। 296 खाली वाइल पर सरकारी छाप लगी हुई पायी गई।
स्टाफ रवि ने स्वीकार किया कि Iohexol इंजेक्शन की 50 एम एल की वाइल मरीजों को लगाई जाती है। ये कहां से प्राप्त होती है इसके पारे अनभिज्ञता जाहिर की। टीम द्वारा क्लिनिक स्टेब्लिशमेंट, बायोवेस्ट मैनेजमेंट और अन्य दस्तावेज मांगने पर कोई दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं करवाया गया। सरकारी दवाओं का निजी लेब द्वारा दुरुपयोग करना कानूनी जुल्म है। इसकी सूचना हाथीपोल थाने में दर्ज करवाई गयी हैं।
क्षिप्रा लेब से कोई भी व्यवस्थापक और मालिक उपस्थित नहीं हुए। उपस्थित स्टाफ से पूछताछ करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर सिटी स्कैन लेब को सील करने की कार्रवाई की गयी।