अगर आपने अपने घर में कछुआ, तोता और बंदर पाल रखा तो ये खबर आपके लिए बेहद जरुरी हैं। अक्सर लोगों को शौक होता है कछुआ, तोता और बंदर पालते है लेकिन अब ऐसा करना उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है और जेल भी जाना पड़ सकता हैं। वन विभाग द्वारा इसको लेकर सख्ती बरती जा रही हैं। विलुप्त हो रहे जीवों पर विशेष ध्यान रखा जा रहा हैं।
हर साल की तरह इस वर्ष भी अक्टूबर माह का प्रथम सप्ताह “वन्यजीव सप्ताह के तौर पर मनाया जाएगा। पूरे सप्ताह भर प्रकृति प्रेमियों एवं स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों हेतु कई तरह के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। वन्यजीव सप्ताह के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य बेजुबान वन्यजीवों के प्रति सहानुभूति के साथ वन्यजीवों के संरक्षण एवं सुरक्षा चेतना उत्पन्न करना है।
वन विभाग के उपवन संरक्षक शैतान सिंह ने बताया कि वन्यजीव हम जिस इको सिस्टम में रहते है उसका एक अनिवार्य घटक है। वन्यजीवों के अस्तित्व को सीधा संबंध मानव के अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। यदि हमारे इको सिस्टम से एक भी वन्यजीव, चाहे छोटी सी मधुमख्खी तितली ही क्यों न हो गायब हो जाए उसका असर मानव जाति पर भी निश्चित तौर पर पड़ता है। इंसान को स्वतंत्रता जीवन पसंद होता है उसे अगर कैद करके रखा जावे तो इंसान मानसिक अवसाद ग्रस्त हो जाता है। इसी तरह सभी प्राणी भी आजाद जीवन पंसद करते है।
किसी भी प्राणी को भी उसके खुले प्राकृतिक वातावारण के विपरीत यदि उसे घरो में या पिंजरे में कैद करके रखा जावे तो वह भी मानसिक रूप से अवसाद ग्रस्त हो जाता है। उदयपुर शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में भी कई लोग गलती से वन्यजीव कछुआ (स्टार टोरटोइज ) एवं तोते (पेरटस) आदि अपने घरो में पाल रहे जिससे ये महत्वपूर्ण वन्यजीव कैद का जीवन तो जी ही रहे है, इन व्यक्तियो द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के प्रावधानों का भी स्पष्ट तौर पर उल्लघन किया जा रहा है जिसके तहत 3 वर्ष से 7 वर्ष तक की कैद का प्रावधान निहित हैं।
सभी शहरवासियों से वन विभाग आहवान करता है कि जिस किसी ने भी अपने घरो में किसी भी वन्यजीव यथा बन्दर कछुआ विभिन्न प्रकार के तोते इत्यादि को पाल कर रखा है या कैद कर रखा है, वे इन्हें 7 दिनों की अवधि में सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क में आवश्यक रूप से सौप दे। अवधि बीत जाने पर सर्वे करवाया जायेगा और तब यदि किसी के भी घर में कोई वन्यजीव पाला हुआ प्राप्त होता है तो उस व्यक्ति के विरुद्ध वन अपराध दर्ज होगा और विरूद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही की जावेगी।