उदयपुर। शहर के समीप लखावली गांव जो तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ था वह मंगलवार की सुबह बायलोजिकल पार्क से भाग गया। तेंदुआ देर रात पिंजरे में कैद हुआ था उसके बाद वन विभाग की टीम बायलोजिकल पार्क लाई थी और उसके बाद पिंजरे को वहीं पर रखा दिया। इसके बाद मंगलवार की सुबह कर्मचारियों ने पिंजरे को देखा तो पता चला कि पिंजरा खाली है और तेंदुआ पिंजरे के किनारे से प्लेट को तोडकर भाग गया।
इधर वन विभाग के अधिकारियों को जब यह सूचना मिली कि तेंदुआ खुले इलाके में भाग गया है तब उनके होश उड गए और आनन—फानन में आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और तेंदुए की तलाश शुरू करवाई जो कि खबर लिखे जाने तक जारी थी। सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क और सज्जनगढ़ अभयारण्य की पहाड़ियों पर तेंदुए को खोजने के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है। मंगलवार को अवकाश होने से पर्यटकों का प्रवेश बंद है ऐसे में पार्क में कोई नहीं है। इसलिए वन विभाग सर्च अभियान के माध्यम से जल्द जल्द तेंदुए को पकडने के प्रयास किए जा रहे हैं।
कौनसा तेंदुआ भागा, वन विभाग के अधिकारी नहीं कर रहे है पुष्टि
उदयपुर के बायलोजिकल पार्क से तेंदुए के भागने की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के आला अधिकारियों ने सज्जनगढ़ के बायलोजिकल पार्क में डेरा डाल दिया है और बैठक भी चल रही है लेकिन विभागीय अधिकारी अपने विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही को छुपाने में लगे हुए है। ऐसे में कोई भी अधिकारी इस बात की पुष्टि करने को तैयार नहीं है कि पार्क से भागा तेंदुआ कौनसा हैं।
ग्रामीणों की मांग पर लगाया गया था पिंजरा
18 अक्टूबर को लखावली तालाब के पास तेंदुए ने एक बकरी का शिकार किया, उसी दौरान लोगों ने शोर मचाया तो तेंदुआ बकरी को वहीं छोड़ भाग गया। इस बीच गांव वालों की मांग पर वन विभाग ने 19 अक्टूबर को पहाड़ी पर पिंजरा लगाया, जिसमें 21 अक्टूबर को तेंदुआ कैद हो गया था।