उदयपुर। कांग्रेस की पहली लिस्ट में जिस तरह से वरिष्ठ दिग्गज नेताओं के टिकट कटने की संभावना सामने आ रही है उसे देखते हुए उदयपुर जिले में भी कांग्रेस नेताओं की धड़कने बढ़ गई। लम्बे समय से चुनाव हार रहे नेताओं का भी इस बार टिकट कट सकता है। इसी संभावनाओं के चलते कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के होंश उड़ हुए है और ये नेता दिल्ली और जयपुर में अपने करीबी नेताओं के सम्पर्क में है कि कहीं उनका टिकट ना कट जाए।
कांग्रेस में शीघ्र ही प्रत्याशियों की पहली लिस्ट आने वाली है। जिस तरह से कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं की दावेदारी पर नामों पर कांग्रेस नेतृत्व लाल लाईन खींच रहा है, उसे देखते हुए उदयपुर जिले के कांग्रेस से दावेदारी कर रहे नेता भी चिंतित हो रहे है। इन नेताओं को डर है कि कहीं कांग्रेस नेतृत्व उनकी दावेदारी पर भी इसी तरह से लाल लाईन ना फेर दे। क्योंकि दावेदारी कर रहे कुछ कांग्रेस नेता तो कई बार चुनाव लड़ चुके है और बुरी तरह से हार का सामना कर चुके है। ऐसे में अब इन नेताओं को आशंका है कि कहीं इसी तरह से उनके नामों को भी काट ना दिया जाए। इसी आशंका के चलते स्थानीय कांग्रेस नेता लगातार जयपुर और दिल्ली तक दौड़ लगा चुके है और अभी भी वे लगातार जयपुर व दिल्ली में अपने सम्पर्कों के सम्पर्क में है और वे चाहते है कि किसी भी तरह से एक बार फिर से उनका टिकट रिपीट हो जाए।
कुछ को आत्मविश्वास, वे लड़ रहे है चुनाव
इधर कांग्रेस में कुछ नेताओं में आत्म विश्वास है कि वे चुनाव लड़ रह है। मुख्य रूप से उदयपुर शहर से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ और दिनेश खोड़निया को पूरा कांफिडेंस है कि उन्हें मौका मिल रहा है और वे चुनाव लड़ रहे है। इसी विश्वास के साथ वे शहर में सक्रिय है।
इन नेताओं को हो रही टेंशन
उदयपुर शहर – वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री डॉ. गिरिजा व्यास के साथ-साथ कई नेता दौड़ में है, लेकिन डॉ. व्यास 2014 में चित्तौड़ लोकसभा चुनाव व 2018 में शहर विधानसभा चुनाव हर चुकी है। साथ ही पूर्व मेें विधानसभा चुनाव लड़ चुके नेता भी अपने कदम पीछे हटा चुके है। ऐसे में यहां से नए को ही मौका मिलने की संभावना है।
उदयपुर ग्रामीण – सज्जन कटारा व विवेक कटारा। सज्जन कटारा वर्ष 2013 मेें ग्रामीण विधायक का चुनाव हार चुकी है और वर्ष 2018 में इनका पुत्र विवेक कटारा चुनाव हार चुके है। यहां से जावरमाइंस के मजदूर नेता लालूराम मीणा ने अपनी प्रबल दावेदारी रखी है।
वल्लभनगर : यहां पर प्रीति गजेन्द्र सिंह शक्तावत वर्तमान विधायक है। उन्होंने अपने कार्यकाल में काम करवाया पर संगठन के अंदर ही विरोध है। साथ ही नए-नए दावेदार भी सामने आ रहे है, जिसमें मुख्य रूप से कुबेर सिंह, भीम सिंह चुण्डावत है।
खेरवाड़ा : यहां से वर्तमान में कांग्रेस से दयाराम परमार विधायक है। उन्हें कांग्रेस सरकार के इस कार्यकाल में मंत्री मण्डल में जगह नहीं दी गई थी। उनकी बढ़ती आयु को देखकर वे भी टिकट कटने से आशंकित है। यहां से बंशीलाल मीणा अपनी दावेदारी रख रहे है।
मावली : यहां पर कांग्रेस से पुष्करलाल डांगी एक बार विधायक रहे थे। इसके बाद वर्ष 2013 व 2018 में वे लगातार दो चुनाव हार चुके है। साथ ही स्थानीय स्तर पर विरोध भी है, ऐसे में डांगी भी आशंकित है। यहां से गोवर्धनसिंह चौहान, जगदीश राज श्रीमाली, लाल सिंह झाला व सुरेश सुथार दौड़ में है।
झाडोल : यहां से भी कांग्रेस वर्ष 2018 में हार चुकी है। वर्ष 2013 में हिरालाल दरांगी विधायक रहे थे। इसके बाद अंदरूनी गुटबाजी के चलते यहां से 2018 में हार का सामना करना पड़ा। अब यहां से दरांगी के साथ-साथ सुनीत भजात दौड़ में है।
गोगुन्दा : यहां से लगातार कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ नेता मांगीलाल गरासिया चुनाव लड़ते रहे है, लेकिन वर्ष 2013 व 2018 में गरासिया लगातार दो चुनाव हार चुके है। ऐसे में वे भी आशंकित है। यहां से गरासिया के अलावा सवराम गरासिया और युवा कांग्रेस के बालूराम भील दौड़ में है।
सलूम्बर : यहां से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रघुवीर मीणा दौड़ में है पर रघुवीर मीणा वर्ष 2013 व वर्ष 2018 में सलूम्बर से विधायक का चुनाव हार चुे है। साथ ही वर्ष 2014 व वर्ष 2019 में दो बार उदयपुर सांसद का चुनाव हार चुके है। इस तरह से मीणा लगातार चार चुनाव हार चुके हैै। मीणा के सथ-साथ यहां से दौड़ में मीणा की पत्नी बसंती देवी मीणा और रेशमा मीणा दौड़ मेें है।
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Gogunda se Sava Ram Gameti ko tikit Milega to Congress ki Jeet 💯% hogi