आजादी के 75 साल बाद भी किसी गांव में सडक नहीं हो और वहां पर अगर कोई अचेत हो जाए तो उसे झोली डालकर मुख्य सडक तक लाना पडे तो यह सुनकर कुछ अजीब नही लगेगा लेकिन यह सत्य हैं।
उदयपुर जिले के गोगुंदा कस्बे के अम्बावा उपला डांग फला मेंं जब एक महिला और उसके तीन साल के मासूम बेटे को सांप ने काट लिया तो मासूम ने तो मौके पर ही दम तोड दिया लेकिन अचेत हुई महिला को करीब एक मिलोमीटर झोली में डालकर मुख्य मार्ग पर लाना पडा। मुख्य मार्ग से उसके गांव तक जाने के लिए सडक तक नहीं थी। हांलाकि मुख्य मार्ग पर बने सरकारी स्कूल के अयूब मोहम्मद नाम के शिक्षक ने मानवता का परिचय दिया और अचेत महिला को अपनी निजी वाहन से इलाज के लिए गोगुंदा ले गया।
हांलाकि वहां पर अचेत हुई महिला तीजी बाई का प्राथमिक इलाज के बाद एमबी हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। जहां पर उसका इलाज जारी हैं लेकिन जिस तरह से झोली में डालकर महिला को लाया गया उससे कई न कई सरकार के वे वादे और वे बाते जो कि चुनाव में की जाती हैं, याद आती हैं कि चुनावों में किए गए वादे केवल वहीं तक सीमित रहते हैं और चुनाव खत्म होने के उनकी तरफ कोई ध्यान देने वाला नहीं हैं और आमजन की समस्याएं ज्यों की त्यों बनी रहती हैं।