उदयपुर। वेनिस के नाम से मशहूर आयड नदी के सोन्दर्यकरण के कार्यो के दौरान चिन्हित किए गए अतिक्रमण को कभी भी हटाया जा सकता हैं। इसके लिए नगर निगम की ओर से अधिकारियो के अलग—अलग दल बनाए गए हैं। यह दल एटीएस मशीन से आयड नदी के दोनों तरफ सर्वे कर रहे है। सर्वे के आधार पर नदी पेटे में किए गए निर्माण को हटाया जाएगा।
इससे पहले शहर विधायक ताराचंद जैन और जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल ने दौरा अतिक्रमण हटाने के निर्देश जारी किए थे इसके बाद निगम के अधिकारी पूरी तरह एक्शन में आ गए हैं। शुक्रवार को भी नगर निगम का एक दल आयड नदी के पेटे में हो रहे अतिक्रमण का सर्वे करने पहुंचा और अतिक्रमण करने वाले वाले लोगो के साथ समझाइश की साथ ही समय रहते मकानों को खाली करने के निर्देश दिए। बता दे कि निगम अब पूरे लवाजमे के साथ मौके पर पहुंचकर कभी भी आयड नदी से अतिक्रमण हटा सकता है।
अतिक्रमण ध्वस्त होने से निखरेगा आयड नदी का स्वरूप
उदयपुर शहर के बीचों बीच बहने वाली आयड नदी का स्वरूप आजादी के बाद से बदलता गया और धीरे—धीरे इसकी चौडाई भी कम हो गई। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इसके स्वरूप को लेकर चिंता तो जाहिर की लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाने से लगातार अतिक्रमण बढ़े गए ,
लेकिन इस बार शहर विधायक के सख्त रवैये से आयड नदी अतिक्रमण मुक्त हो सकती हैं। आयड नदी के दोनों तरफ हो रहे अतिक्रमण को हटाया जाता है तो इसके स्वरूप में बदलाव आएगा और बारिश के दिनों में इसकी खूबसूरती ओर बढ़ जाएगी।
आयड के विकास के लिए खर्च हो चुके है करोडो रूपए
आयड नदी के विकास के लिए प्रदेश की कई सरकारों ने बजट जारी किया साथ ही स्थानीय निकायों ने भी इसके लिए बजट जारी करते हुए कार्य करवाए लेकिन इसके स्वरूप में बदलाव नहीं हो सका। नदी के दोनों तरफ बढ़ते अतिक्रमण के बाद इस नदी का स्वरूप ही बदल गया लेकिन अब जिला प्रशासन और निगम पूरी तरह से एक्शन में दिखाई दे रहा हैं। इससे माना जा रहा है कि जल्द ही नदी के दोनों तरफ हो रहे अतिक्रमण को हटाया जा सकेगा।