उदयपुर शहर के आसपास तेंदुए की दस्तक से ग्रामीणों में खौफ का माहौल हैं। पहले देबारी और उसके बाद बिछडी पंचायत के सिहाडा में तेंदुए को देखे जाने के बाद ग्रामीणों का मानना है कि जब तक तेंदुआ नहीं पकड़ा जाता हैं तब तक उनके लिए बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं हैं।
सोमवार देर रात को बिछडी ग्राम पंचायत के सिहाड़ा में तेंदुए को एक मकान की बाउंड्री के ऊपर देखा गया, इसके बाद लोगों के हल्ला मचाया तो वह वहां से भाग निकला। सिहाडा गांव के आबादी इलाके में रामा गायरी के घर के समीप बाउंड्री पर दो तेंदुए दिखे इसमें से एक तेंदुआ बाउंड्री पर दिखा तो दूसरा तेंदुआ रोड पर घूमता हुआ नजर आया इससेे ग्रामीणों में खौफ पैदा हो गया हैं। जैसे-जैसे तेंदुए और जंगली जानवर आबादी क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं वैसे अब ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि आए दिन तेंदुए हमला करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में ग्रामीणों ने वन विभाग से पिंजरा लगाने की मांग उठाई हैं ताकि उन्हें राहत मिल सकें। इससे पहले देबारी पंचायत के दाह का खेड़ा में तेंदुए का मूवमेंट देखा गया। स्थानीय लोगों ने वन-विभाग को दी गई शिकायत में कहा था कि आए दिन क्षेत्र में तेंदुए के आने की घटनाएं बढ़ रहीं हैं। इसके बाद विभाग ने यहां पर पिंजरा भी लगाया हैं।
देबारी के हाह का खेडा में घर के मालिक पर्वत सिंह ने बताया कि रात को कुत्ते शोर मचा रहे थे और एकाएक घर में बर्तन गिरने की आवाज आई। तब लगा था कि यह तेंदुए की ही मूवमेंट है। उन्होंने बताया कि सवेरे जब देखा तो बर्तन गिरे पड़े थे और बाहर बारिश की वजह से गीली मिट्टी में तेंदुए के पंजे के निशान थे। तब सीसीटीवी चेक कराया तो उसमें तेंदुआ बैठा दिखाई दिया था। स्थानीय निवासियों ने बताया कि पिछले दिनों तेंदुआ एक कुत्ते का शिकार कर ले गया था। जिस तरह से लगातार आबादी क्षेत्र में तेंदुए का आंतक बढ़ रहा हैं वह चिंताजनक है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इसके लिए क्या ठोस कदम उठाता हैं।