उदयपुर। संभाग के सबसे बड़े एमबी हाॅस्पिटल में रोजाना हजारों लोगों को इलाज होता हैं। ऐसे में यहां पर हाॅस्पिटल प्रशासन को सफाई व्यवस्था के साथ-साथ सभी व्यवस्थाओं को दुरूस्त करना होगा ताकि यहां पर आने वाले मरीज को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो साथ ही परिजनों को भी चक्कर नहीं लगाने पड़े।
यह बात संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने शुक्रवार को अपने दौरे के दौरान आरएनटी मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल डाॅ. विपिन माथुर और अधीक्षक डाॅ. आरएल सुमन से कही।
उन्होंने कहा कि यहां पर जिले के साथ-साथ अन्य जिलों के लोग भी इलाज के लिए पहुंचते हैं। प्रदेश सरकार की मंशा है कि कोई भी गरीब यहां पर आने के बाद बिना इलाज के नहीं लौटे। ऐसे में सभी को चिकित्सा सुविधा मुहैया होनी चाहिए।
संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर पहुंचे थे निरीक्षण पर
शुक्रवार को एमबी हाॅस्पिटल के निरीक्षण पर संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट के साथ जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल भी मौजूद थे।
दोनों महाराणा भूपाल चिकित्सालय के सुपर स्पेशलिटी विंग में पहुंचे। यहां पर कुछ देर रूकने के बाद दोनों अधिकारी बाल चिकित्सालय पहुंचे। यहां पर उन्होंने आईसीयू और एनआईसीयू का दौरा किया। इससे पहले बाल चिकित्सालय के वार्ड का दौरा करते हुए वहां पर की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इन्होंने उन्हें बाल चिकित्सालय के अधीक्षक से जानकारी ली।
बच्चों के लिए बने आईसीयू और एनआईसीयू में बच्चों को मिलने वाले इलाज के साथ सुविधाओं पर चर्चा करते हुए जानकारी ली।
वल्लभनगर प्रधान ने संभागीय आयुक्त से की शिकायत
संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट और जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल जब बाल चिकित्सालय से महाराणा भूपाल चिकित्सालय के इमरजेंसी वार्ड की और जा रहे थे।
उसी दौरान वल्लभनगर प्रधान देवीलाल ने दोनों से मदर मिल्क बैंक दूध नहीं मिलने की शिकायत की। इस दौरान सभी अधिकारी वहीं पर रूक गए। देवीलाल ने कहा कि जब एक जनप्रतिनिधि को अस्पताल में दूध उपलब्ध नहीं हो सकता हैं तो आमजन को कैसे उपलब्ध होता होगा।
इस पर संभागीय आयुक्त ने आरएनटी मेडिकल काॅलेज के प्रिसिंपल डाॅ. विपिन माथुर से जानकारी मांगी। माथुर ने स्पष्ट किया कि जितना मिल्क बैंक में महिलाएं दूध डोनेट करती हैं उसी के अनुरूप दूध उपलब्ध करवाया जाता हैं।
सिवरेज की समस्या से जूझ रहा है महाराणा भूपाल चिकित्सालय
संभाग के सबसे बड़े महाराणा भूपाल चिकित्सालय मंे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सिवरेज डाली गई थी लेकिन इसमें खामिया रहने से सड़कों पर पानी बह रहा हैं।
निरीक्षण से पहले शिकायत सामने आने के बाद संभागीय आयुक्त ने मौका देखते हुए अधूरे पड़े कार्यो को यूडीए के माध्यम से करवाने का निर्णय लिया और मौके पर यूडीए के अधिकारियों को बुलाकर मौके की रिपोर्ट तैयार करने की बात कही। आयुक्त ने कहा कि चिकित्सालय में गंदगी नहीं हो इसके लिए समय पर कार्य होना जरूरी हैं।