उदयपुर में गणेश महोत्सव के आखिरी दिन अनंत चतुदर्शी के मौके पर गुरूवार को गाजे बाजे के साथ भक्तों ने गणेशजी को विदा किया। गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों के साथ दस दिनों तक घरों सहित पांडालो में गणेशजी की स्थापना के बाद बडे ही धूमधाम से विधिवत पूजा अर्चना की गई और अंनत चतुदर्शी को विशेष पूजा अर्चना कर विदाई दी गई।
शहर के विभिन्न पांडालो में विराजित गणेशजी की प्रतिमाओं को ढोल नगाडो के साथ भक्त विसर्जन स्थल तक लेकर पहुंचे। वहीं घरों में स्थापित की गई प्रतिमाओं को भी भक्त विसर्जन स्थल पर पहुंचे। यहां पर भक्तों ने अगले बरस जल्दी आने की प्रार्थना के साथ विधिवत पूजा अर्चना की उसके बाद एक—एक कर मूर्तियों का विसर्जन किया गया।
झीलों में गंदगी नहीं हो इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए कुंड में प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इसके लिए पुलिस प्रशासन की और से सभी कुंड पर पुलिस के जवान तैनात कर रखे थे ताकि किसी प्रकार की अनहोनि घटना नहीं हो। हाईकोर्ट के आदेश के बाद झीलों में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगी हुई हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए धार्मिक संगठनों सहित अन्य लोगों को झीलों में मूर्ति विसर्जन नहीं करने के लिए पाबंद कर रखा था। नगर निगम की और से दूधतलाई, चांदपोल सहित अन्य स्थानों पर बनाए गए कुंड में मूर्तियों को विसर्जित किया गया।