उदयपुर। शहर के महालक्ष्मी मंदिर में दीपावली का त्यौहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दीपावली को लेकर जोरो—शोरो से तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर के ट्रस्टी जतिन श्रीमाली ने बताया कि इस बार दो अमावस्या होने के बावजूद 31 अक्टूबर को अमावस्या शुरू होने से दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी। इससे पहले 29 अक्टूबर को धनतेरस के दिन प्रात 4 बजे से दर्शन शुरू हो जाएगें। धनतेरस के दिन माताजी को चांदी का वेस धारण करवाया जाएगा साथ ही विशेष श्रृंगार होगा। इसके बाद रूप चौदस को तीन से चार अलग—अलग वेस धारण करवाएं जाएगें।
दीपावली के दिन अलसुबह स्वर्ण जडित वेश धारण करवाया जाएगा, जिसकी कीमत पांच लाख रूपए हैं तो वहीं दूसरी और आठ से दस लाख रूपए के स्वर्ण आभूषण भी धारण करवाएं जाएगे। एक नवम्बर को अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा और माताजी को 56 भोग धराएं जाएगे साथ ही शाम हो महाआरती होगी। इसके बाद 2 नवम्बर को प्रसाद वितरण होगा। श्रीमाली ने बताया कि पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरूआत धनतेरस से हो जाती हैं। धनतेरस से भाईदूज तक यहां पर भक्तों का तातां लगा रहता है। इसलिए यहां पर आने वाले भक्तों के दर्शनों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। मंदिर के बाद बेरिकेंटिग की जा रही हैं। इससे महिला एवं पुरूष अलग—अलग कतारबद्ध होकर माताजी के दर्शन कर सकेंगे। मान्यता है कि पांच दिनों में माताजी के दर्शन करने भक्त के घर में मां लक्ष्मी निवास करती है और धन्य धान की कमी नहीं होती हैं।
साढे चार सौ साल पुराना मंदिर है महालक्ष्मी मंदिर
मंदिर के ट्रस्टी जतिन श्रीमाली ने बताया कि महालक्ष्मी जी का मंदिर साढ़े चार सौ साल पुराना हैं। यहां पर इतने वर्षो से श्रीमाली समाज के लोग ही पूजा अर्चना करते आए है साथ ही श्रीमाली समाज ही यहां पर प्रबधंन का कार्य करता हैं। उन्होंने बताया कि दीपावली के अवसर पर मंदिर को पूर्ण रूप से सजाया जाएगा साथ ही विशेष प्रकार की लाइटिंग की जा रही है ताकि मंदिर और खूबसूरत लग सकें।