Udaipur Patrika

UDAIPUR PATRIKA

Breaking News
{"ticker_effect":"slide-h","autoplay":"true","speed":3000,"font_style":"normal"}

CRIME BULLETIN : प्रोपर्टी डीलर का अपहरण एक करोड़ की फिरौती मांगने में कुख्यात अपराधी ईमरान कूंजड़ा पकड़ा

– अहमदाबाद में पकड़ा, भागने के प्रयास में आरोपी का पांव हुआ फ्रेक्चर

Banner

उदयपुर। प्रोपर्टी डीलर का अपहरण कर उन्हे डरा-धमकाने में फरार चल रहे शहर के कुख्या अपराधी ईमरान कूंजड़ा को उदयपुर पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने पुलिस को देखकर भागने का प्रयास किया और इस प्रयास में वह गिर गया, जिससे उसके पांव फ्रेक्चर हो गया।\


एसपी योगेग गोयल ने बताया कि 25 दिसम्बर को मोहम्मद ऐजाज पुत्र मोहम्मद मुमताज निवासी यूआईटी कॉलोनी सेक्टर 12 ने रिपोर्ट दी कि मैं मेरे ऑफिस पिछे बैठा हुआ था। उस समय मेरे पास इमरान कुंजडे का व्हाटस कोलिंग पर फोन आया की मेरे किसी आदमी को सविना में प्लोट चाहिये मैं उनको तेरे पास भेज रहा हूं। उसके बाद करीब 1 बजे मेरे पास व्हाटस पर किसी अन्य व्यक्ति का फोन आया कि हमे इमरान भाई ने प्लोट देखने के लिए भेजा है। वह मेरे ऑफिस 2 व्हीलर एक्टीवा पर बैठे कर आए। मेरे साथ ऑफिस में मेरे दो पार्टनर मुस्तफा और मोहम्मद इस्माईल भी थे। हमने उनको पलोदडा हाउस के सामने प्लोट दिखाए। प्लोट दिखाने पर उन्होने कहा कि हमें यहां पसंद नही आया। हमे प्लोट एसवी नगर में लेना है। हम उनको एसवी नगर लेकर गए वहां उन्होने प्लोट देखकर बोला की हमारी जमीन मेलडी माता गेट के अन्दर पडी हुई है उसको हमे बेचनी है। इस पर वो हम तीनो को मेलडी माता के अन्दर जमीन दिखाने ले गये। वहां पहुचने पर हमारी गाड़ी के आगे इमरान कुंजडा व उसके 4 साथी थार गाडी के अंदर से उतरकर हमारे पास आये और बोला कि यह जमीन मेरी ही है उतर कर देख लो। हम जैसे ही गाडी से उतरे तो इमरान कुंजडा जमीन दिखाने लगा और मुझे बोला की मेरी गाडी में बैठकर रेट तय कर लेते है। इस पर उसने मुझे और मेरे साथी मुस्तफा को थार गाडी में बैठाया।

उसने मेरे और मेरे साथी से मोबाईल छीन लिए और जान से मारने की धमकी दी। उसके बाद मेरा एक साथी मोहम्मद इस्माईल को के्रटा गाडी में बैठने के लिए कहा। इमरान कुंजडा व उसका एक अन्य साथी थार व क्रेटा लेकर मेलडी माता गेट से हाइवे होकर बलीचा होकर नया खेडा होकर रामपुरा, बडी, हल्दी घाटी व राजसमन्द आमेट के आगे गाडी रोकी। इमरान ने कहा तू प्रोपर्टी का काम कर रहा है और बहुत कमा रहा है। मुझे एक करोड रुपये नकद चाहिए और तेरे जहां भी प्लोट है मैं तेरे से लेउंगा और रास्ते में जगह-जगह मुझे लम्बा चाकू और पिस्टल दिखाकर बोला व्हाटस कोलिंग से तेरे साले को फोन लगा। मैने फोन लगाया फिर मैने कहा कि मैने कोई सौदा किया है मुझे 20 लाख रुपये अभी चाहिये तो मेरे साले ने कहा कि मेरे पास अभी रुपये नही है। मैं आपको कल दूंगा।

फिर इमरान कुंजडे ने मेरे से वापस मोबाईल छीना और बोला कि तू कही से भी रुपये मंगवा नही तो तुझे और तेरे दोनो साथियो को यही जंगल में मारकर फेंक दूंगा और तुम्हारी नंगा करके अश्लील विडियो भी बनाउंगा। मैने उससे कहा कि अभी हमारे पास बिलकुल भी रुपये नही है। फिर उसने बोला कि तुम्हे एक ही शर्त पर छोडूंगा की तुम मुझे कल तक गयारह लाख कल सुबह तक भिजवा देना। बाकी रूपए एक महिने में मुझे दे देना यह बात कह कर उसने उसके एक साथी को बोला कि तू इन तीनो को इनके ऐरिये में छोडकर चला जाना। वह व्यक्ति हमें सुखाडिया सर्कल के पास छोडकर भाग गया। इस पर मामला दर्ज कर थानाधिकारी अजय सिंह राव के नेतृत्व में एसआई रामावतार, एएसआई लालसिहं, हैड कांस्टेबल जितेन्द्र सिंह, कुलदीप सिहं, कांस्टेबल छगनलाल, मांगीलाल, नागेन्द्र सिहं, विक्रम सिंह, सतपाल, लोकेश रायकवाल की टीम ने तलाश शुरू की। तलाशी के दौरान पता चला कि आरोपी अहमदाबाद में है।

इस पर पुलिस टीम ने जुहापुरा अहमदाबाद में भैष बदलकर लगातार दो दिन तक अपनी पहचान छुपाते हुए कमरा किराए पर लेने के बहाने रैकी कर इमरान कुंजडा के बारे मे जानकारी प्राप्त की। उसके ईलाके से टीम ने बडी मुश्किल से डिटेन किया, जहां पर आरोपी ईमरान अपने परीचितो एवं रिश्तेदारो तथा घनी आबादी का फायदा उठाने के लिये जोर-जोर से चिल्लाकर लोगो को एकत्रित कर बचने का प्रयास किया। पुलिस टीम ने सख्ती बरतते हुए आरोपी इमरान कुंजडा पुत्र मोहम्मद युसुफ कुंजडा निवासी कुंजरवाडी धानमण्डी हाल रज्जा कॉलोनी मल्लातलाई अम्बामाता को घनी आबादी से पकड़ा। आरोपी से पूछताछ की गयी तो आरोपी ने बताया कि मै कोई डॉन नही हूँ मुझे माफ कर दो। मुझे बेवजह मीडिया में उछालकर गैंगस्टर का रूप दिया गया है, जबकि मेरे शरीर को देखते हुये मै आपको डॉन दिखता हूूँ। मै किडनी पैशंट हूँ ओर मेरा ईलाज चल रहा है। इस तरह से कहते हुए रोने लगा। जिस पर पुलिस टीम ने उससे समझाईश कर उदयपुर लेकर रवाना हुए। रास्ते में उसने अपने आपको घबराहट होने एव उल्टी आने के बहाने वाहन से नीचे उतरकर अंधेरे का फायदा उठाकर पुलिस टीम को धक्का देकर वहां से भागने लगा। पुलिस टीम ने पीछा किया तो वह रास्ते में गिर गया, जिससे उसके चोंटे आई। जिसे उसे एमबी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया। आरोपी इमरान कुंजडा अम्बामाता थाने का हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ पूर्व से भी अवैध वसूली, फिरोती, मारपीट, हत्या, हत्या का प्रयास एव लूट एव अवैध हथियार रखने व अवैध मादक पद्वार्थ का परिवहन करने के 29 प्रकरण दर्ज है।

 

सीटीएई के प्रोफेसर ने चैम्बर में लगाई फांसी, बीमारी से थे परेशान

लिखा सुसाईड नोट, जिसमें पत्नी व बच्चों को बताई निवेश की जानकारी

उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सीटीएई कॉलेज के प्रोफेसर ने गुरूवार को अपने ही चैंबर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। नवीन चौधरी पिछले कुछ समय से बीमारी के कारण परेशान थे। पुलिस को उनके चैंबर से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें भी उन्होंने बीमारी से परेशान होने की बात लिखी है। साथ ही अपनी पत्नी व बेटे को उनके द्वारा किए गए निवेशों की भी जानकारी दी है।
थानाधिकारी भरत योगी ने बताया कि सीटीएई कॉलेज स्थित चैंबर में जोधपुर निवासी प्रोफेसर नवीन चौधरी (55) गुरूवार सुबह हमेशा की तरह आए और चैम्बर में बैठ गए। कुछ देर बाद उनके ही एक सहकर्मी ने उन्हें आवाज दी, लेकिन चैंबर से कोई आवाज नहीं आईऔर चैंबर अंदर से बंद था। शंका होने पर सहकर्मी ने खिड़की से झांक कर देखा तो प्रोफेसर के फंदे पर लटके थे। यह देखकर उन्होंने शोर मचाया तो मौके पर काफी संख्या में कॉलेज के कर्मचारी और स्टूडेंट एकत्रित हो गए। कर्मचारियों ने इस बारे में पुलिस को सूचना दी, जिस पर प्रतापनगर थाने से जाब्ता मौके पर गया और शव उतरवाकर मोर्चरी में रखवाया। पुलिस को मौके से एक सुसाईड नोट मिला है, जिसमें उन्होंने अपनी इच्छा से आत्महत्या करना लिखा है। प्रोफेसर ने लिखा कि वह अपनी बीमारी से परेशान है और इसी कारण आत्महत्या कर रहे है। साथ ही प्रोफेसर ने कहां-कहां पर निवेश कर रखा है उसकी भी जानकारी उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे को बताई है। पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया है, जिनके आने पर ही पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।

कॉलेज में शोक की लहर

पुलिस ने बताया कि प्रोफेसर नवीन चौधरी मूलत: जोधपुर रहने वाले थे और उदयपुर में पत्नी के साथ प्रतापनगर थाना क्षेत्र के स्क्वॉयर हाइट में रहते थे। वे हर दिन की गुरूवार को भी सुबह कॉलेज टाइम पर पहुंचेए कॉलेज आते ही उन्होंने चैंबर में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। कॉलेज मेें हर कोई इस बात से अचंभित है कि इतने खुशमिजाज और सभी के साथ अच्छा व्यहार करने वाले प्रोफेसर आत्महत्या कैसे कर सकते हैं। प्रोफेसर की मौत की सूचना के बाद कॉलेज के स्टाफ और छात्रों में शोक की लहर छा गयी।

 

डीजे बंद करने पर युवक पर चाकू से हमला

उदयपुर। शादी में देर रात्रि को डीजे बंद करने के लिए कहने पर दो भाईयों ने एक युवक पर चाकू से हमला कर घायल कर दिया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार लक्ष्मण पुत्र रतन मीणा निवासी जोगीतालाब गोवर्धनविलास ने रिपोर्ट दी कि हमारे परिवार मे शादी होने से मैं भी वहां पर गया हुआ था। शादी में नरेन्द्र पुत्र धर्मा और जगदीश पुत्र धर्मा निवासी जोगीतलाब हेलडाई फलां दोनो भी आए थे औरी ेर भी लोग थे। शादी में 9 बजे के लगभग नाच-गाना हो रहा था और डीजे बज रहा था। समय ज्यादा होने से मैने व मेरे परिवार वालो ने नाच गाना बंद करने व डीजे को बन्द करने के लिए कहा तो इन दोनो ने मेरे साथ मारपीट करनी शुरु कर दी व नरेन्द्र के हाथ मे चाकू था जो मेरे को मारा जिससे मेरे को शरीर पर पीट पर व पेट पर चोट लगी है। इतने में वहां खड़े लोगो ने बीच बचाव किया नही तो ये दोनो भाई ओर भी मारपीट करते। रिपोर्ट पर गोवर्धनविलास थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 

वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने किया करोड़ों रूपए का गबन

उदयपुर। वन विभाग के वन रक्षकों से लेकर उप वन संरक्षकों के स्तर के अधिकारियों ने फर्जी बिल, वाउचर लगाकर व नियमो के विपरित कार्य कर सरकार से आने वाले करोड़ों रूपए का गबन करने का मामला दर्ज किया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हिम्मत सिंह पुत्र गुलाब सिंह निवासी डबल स्टोरी युआईटी कॉलोनी एच ब्लॉक गोवर्धन विलास ने वन सुरक्षा एवं प्रबन्ध समिति अध्यक्ष (समितियां पाटीया, सुरजगढ़, मोरवल, बाहेडा, सुरण, उंदरी, मदारडा, भादवीगुडा, इंटो का खेत, मजाम, मोडी, नाल मोखी, शिवडिया), वन सुरक्षा एवं प्रबन्ध समिति सचिव (समितियां पाटीया, सुरजगढ़, मोरवल, बाहेडा, सुरण, उंदरी, मदारडा, भादवीगुडा, इंटो का खेत, मजाम, मोडी, नाल मोखी, शिवडिया), क्षेत्रीय वन अधिकारी गोगुन्दा रवि माथुर, उप वन संरक्षक उदयपुर उत्तर अजय चितौडा, उप वन संरक्षक उदयपुर उत्तर सुपोंग शशि के खिलाफ रिपोर्ट दी कि वनो की सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा वन विभाग का कार्यालय संचालित किया जाता है जिसमे रेंज गोगुन्दा है एवं रेंज गोगुन्दा के अंतर्गत विभिन्न वन नाके है एवं इन वन नाको में वन विकास के लिए वन सुरक्षा एवं प्रबंध समितियो द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओ मे विकास कार्य वन विभाग द्वारा कराए जाते है। इन कामों को कराने के लिए राज्य सरकार के नियमानुसार एक वन विकास एवं प्रबन्ध समिति का गठन कर कार्य संचालित किए जाते है।

जिसमे नियमानुसार एक अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष एवं सदस्य होते है एवं वन विकास के कार्यों का संपादन व इन कामों पर होने वाले व्यय का सम्पूर्ण लेखा जोखा समिति के माध्यम से किया जाता है एवं यह काम उच्च अधिकारियो के निर्देशन में किया जाता है। गोगुन्दा रेंज कार्यालय के अन्तर्गत क्षेत्रीय वन अधिकारी वन नाका गोगुन्दा, सुरजरगढ, सिवडिया, नाल मोखी है जो कि आदिवासी क्षेत्र का वन क्षेत्र है जिसमे वन विभाग के ये अधिकारी वन सुरक्षा एवं समितियों के अध्यक्ष जो कि चयनित व्यक्ति है एवं सचिव जो कि वन विभाग के कर्मचारी तथा लोकसेवक है। क्षेत्रीय वन अधिकारी व उप वन संरक्षक उदयपुर उत्तर के उच्च अधिकारियों ने नियमों के विपरित सरकारी राशी को गबन करने के उद्देश्य से वन सुरक्षा एवं प्रबन्ध समितियों का गठन किया है। वन समितियो द्वारा अपने वन नाकाओं पर विभिन्न सरकारी योजनाओं जिसमे प्लान्टेशन, केम्पा योजना, नाबार्ड योजना, पक्का निर्माण एवं कच्चा निर्माण जिसमें दीवारे बनाने व अन्य विकास कार्य जो सरकारी योजना के रूप में कार्य किये जाते हैं।

राज्य सरकार की योजनाओं में विकास कार्य के नाम पर वन विभाग के कर्मचारियों जिसमें उच्च स्तर से नीचे के स्तर तक के कर्मचारी जो उपवन संरक्षक उदयपुर उत्तर अजय चितौडा व सूपोंग शशि, क्षेत्रीय वन अधिकारी गोगुन्दा रवि माथुर, वन नाको पर पदस्थापित वनपाल व वनरक्षक अर्जुन सिंह, राजेन्द्र सिंह, पुष्पेन्द्र सिंह भाटी, विकास नेहरा, ललुराम मीणा, रमेश गोस्वामी, नरेन्द्र गोस्वामी सभी ने सरकारी राशि को हडपने व गबन करने के उद्देश्य से बिना मौके पर किये निर्माण कार्यो व अपूर्ण निर्माण कार्यों को विकास कार्य बताते हुए फर्जी तरीके से कूटरचित बिल, वाउचर व मस्टरोल का संधारण कर इन वन नाकाओं पर विभिन्न विकास कार्यों के के नाम पर करोडो रूपयो की सरकारी राशि का गबन किया है।

इस भ्रष्टाचार के लिए सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने सामुहिक रूप से एक दूसरे का सहयोग करते हुए फर्जी बिलो के माध्यम से राशि लेकर भ्रष्टाचार किया है, जिसके संबंध में प्रार्थी द्वारा कई बार शिकायतें विभाग में की गई लेकिन बडे स्तर के अधिकारियों व बडे भ्रष्टाचारियों की वजह से कार्यवाही नहीं की जा रही है। समितियो के संचालन व कार्यों के नियमों के अनुसार कोई कार्य नहीं किया जा रहा है। सरकारी योजनाओ मे वन विभाग द्वारा जो कार्य किये जाते है उसमे नकद राशि का आहरण नही किया जा सकता है फिर भी वन नाकाओ पर विकास कार्यों में लाखो रूपये नकद राशि के रूप में लिए गए है। इन सरकारी योजनाओ मे सरकारी राशि गबन करने के लिए समितियो का गठन किया गया है उसमे समिति अध्यक्ष के रूप में स्थानीय व्यक्ति को बनाया गया है जो कि इन्ही कर्मचारियों का हितैषी व मिलनेवाला व्यक्ति है। जब से समिति का गठन हुआ है तब से अध्यक्ष है जबकि नियमानुसार अध्यक्ष एवं अन्य कार्यकारिणी का चयन मात्र 2 वर्ष के लिए ही होता है उसके बाद पुर्नगठन किया जाना आवश्यक है। सरकारी राशि गबन करने के लिए फर्जी कूटरचित दस्तावेज बिल, वाउचर बने है उसमे भी अध्यक्ष के फर्जी हस्ताक्षर किए गए। सरकारी योजनाओं के कार्यों में प्राप्त अनुदानित राशि को हडपने के लिए फर्जी बिल, वाउचर लगाकर व नियमो के विपरित कार्य कर फर्जी बिल, मजदूरी भुगतान, सामग्री क्रय-विक्रय में भारी हेरा फेरी करते हुए सरकारी धन राशि का गबन किया है। फर्जी बिल वाउचरो व मस्टरोलो से सरकारी राशि हड़पी है। रिपोर्ट पर गोगुन्दा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Stay Connected

Share this post:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts
Don't Miss New Updates From Us
By subscribing to our WhatsApp updates, you'll be the first to know about important events and breaking news.
DON'T MISS NEW UPDATES FROM US
By subscribing to our WhatsApp updates, you'll be the first to know about important events and breaking news.