जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए करेंगे हर संभव प्रयास- कलेक्टर
अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा पर होने वाले संभावित बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिए जिला प्रशासन उदयपुर सतर्क है। जिला स्तरीय निगरानी समिति के गठन के बाद आज डॉ. अम्बेडकर की 133वीं जयंती के अवसर पर विशेष नवाचार करते हुए जिला प्रशासन उदयपुर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं गायत्री सेवा संस्थान द्वारा विशेष नवाचार करते हुए अब बाल विवाह की सूचना साझा करने वाले को इक्कीस सौ रुपए नगद पुरस्कार का प्रावधान भी किया जा रहा है जिससे आमजन की और अधिक सहभागिता सुनिश्चित होगी। सूचना साझा करने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। ये विचार जिला कलक्टर सभागार उदयपुर में आयोजित बाल विवाह रोकथाम हेतु समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कलक्टर उदयपुर ताराचंद मीणा ने व्यक्त किए।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर के सचिव कुलदीप शर्मा ने प्राधिकरण द्वारा जिले में आयोजित किए जा रहे उपखण्ड स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम की जानकारी देते हुए जिला प्रशासन उदयपुर की इस पहल की सराहना की। कार्यक्रम संयोजक एवं राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य डाॅ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बाल विवाह के मामलों में पाबंद करने स्थान पर इंजेक्शन ऑर्डर जारी किए जाने एवं पुलिस एफ. आई. आर. अनिवार्य रूप से दर्ज करने का सुझाव दिया। जन जागरूकता के साथ कानूनी कार्यवाही से ही बाल विवाह मुक्त समाज का सपना सम्भव हो पायेगा। बाल विवाह की सूचना साझा करने के लिए विशेष नम्बर 9784399288 जारी किए गये है।
इस अवसर पर महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक संजय जोशी, बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक मीना शर्मा, यूनिसेफ प्रतिनिधी सिन्धु बेनर्जित, एक्सेस टू जस्टिस कार्यक्रम के प्रतिनिधि आशिता जैन ने भी विचार प्रकट किए। जिला कलक्टर द्वारा योजना के प्रचार-प्रसार हेतु पोस्टर का विमोचन किया गया। बैठक में जिला प्रशासन उदयपुर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, यूनिसेफ, गायत्री सेवा संस्थान सहित सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।