उदयपुर जिले के गोगुंदा थाने में गुरूवार शाम को युवक की मौत के बाद परिजनों सहित समाजजनों ने हंगामा कर दिया। गोगुंदा थाने के बाहर मृतक के परिजनों सहित राजपूत समाज के लोग इकठ्ठा हो गए और पूरे थाने के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। लोगों का आक्रोश देख एसपी ने गोगुंदा थानाधिकारी सहित 5 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया बाकी बचे पुलिसकर्मियों को लाइनहाजिर कर दिया। इसके बाद लोगों को गुस्सा शांत हुआ।
गोगुंदा थाने में राजपूत समाज के सुरेन्द्र सिंह देवडा की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने पूरे दिन उसको पीटा और जब उसकी मौत हो गई वह गुपचुप तरीके से उसे एमबी हॉस्पिटल ले आए और यहां पर मोर्चरी में शिफ्ट करवा दिया। सुरेन्द्र की मौत के बाद शुक्रवार को राजपूत समाज के हजारों लोगों के गोगुंदा थाने के बाहर जमा हो गए हैं। इधर करणी सेना के पदाधिकारी भी गोगुंदा थाने के बाहर जमा हो गए और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों की भीड को देखते हुए के बाद वहां पर पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता तैनात करना पड़ा।
मामले की गंभीरता को देख जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा और जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा भी मौके पर पहुंचे और लोगों के साथ समझाइश की लेकिन परिजनों सहित समाजजन अपनी मांग पर अड़े और सुरेन्द्र सिंह के शव का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया। हजारों लोगों के आक्रोश के सामने एसपी ने गोगुंदा थाने के थानाधिकारी अनिल कुमार विश्नोई, हैडकांस्टेबल विजय कुमार, कांस्टेबल भैराराम और नंदलाल को सस्पेंड कर दिया वहीं दूसरी और थाने के अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।
एसपी के निर्देश के बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ और परिजनों सहित समाजजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। इसके बाद मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया। वहीं राजपूत समाज की मांग को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों ने मुआवजे के लिए 50 लाख रूपए और मृतक के आश्रितों में से एक को सरकारी नौकरी देने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया। अब देखना यह होगा कि सरकार की ओर से इस मामले में आगे निर्देश मिलते हैं।