पुलिस ने चार लोगो को लिया हिरासत में, एक भोपा भी शामिल, पूछताछ जारी
सलूंबर। घर के बाहर बैठे शिक्षक शंकरलाल मेघवाल पर तलवार से वार कर हत्या करने के मामले में मृतक के परिजनों व ग्रामीणों ने शुक्रवार को संभाग के सबसे बड़े एमबी हॉस्पिटल की मोर्चरी के बाहर जमकर हंगामा कर दिया और मुआवजे की मांग करते हुए मृतक के शव को ले जाने से इंकार कर दिया। खबर लिखे जाने तक मृतक के परिजनों व ग्रामीणों के साथ समझाइश जारी थी। इससे पहले मृतक के शव का पोस्टमार्टम के लिए हॉस्पिटल की मोर्चरी में लाया गया था। यहां पर शव के पहुंचने के बाद सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण और परिजन पहुंच गए और मोर्चरी के बाहर मेघवाल समाज लोगों का जमावड़ा लग गया।
5 करोड रूपए मुआवजा देने की मांग
मृतक के परिजनों सहित समाज के लोगों ने मृतक के परिवार को 5 करोड़ का मुआवजा देने की मांग की साथ ही पीड़ित लडके व लडकी को शिक्षा के साथ बच्चे को सरकारी नौकरी ओर मृतक के घायल पिता को 50 लाख रूपए का मुआवजा देने की मांग की। समाज के लोगों ने परिवार के सदस्यों को हथियार का लाइसेंस देने की मांग की। मेघवाल समाज के लोग इस बात पर अड गए कि जब तक मांगो पर सरकार ध्यान नहीं देती है ओर ओर अधिकारी लिखित रूप में आश्वासन नहीं देते है तब तक शव नहीं उठाया जाएगा।
पुलिस ने चार लोगों को लिया हिरासत में, एक भोपा भी शामिल
सलूम्बर के अदवास गांव में शिक्षक शंकरलाल मेघवाल की हत्या के मामले में पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया हैं, इसमें एक भोपा भी शामिल हैं। पुलिस अब इन चारों से पूछताछ में जुटी हुई हैं। इससे पहले पुलिस ने आरोपियों की तलाश में पहाडों ओर जंगलों की खाक छानी। वहीं सुबह एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची ओर मौके से साक्ष्य जुटाएं। मृतक की पत्नी ने शंकरलाल की हत्या करने वाले फतहसिंह के खिलाफ 7 अलग—अलग धाराओं में मुकद्मा दर्ज करवाया हैं।
पहले सिगरेट मांगी फिर अचानक हमला
मृतक शिक्षक के छोटे भाई प्रकाश मेघवाल ने बताया कि दुकान पर एक व्यक्ति आया था। उसने सिगरेट मांगी। उस वक्त बड़ा भाई शंकरलाल मेघवाल दुकान के पास ही खड़ा था। आरोपी ने अचानक तलवार निकाली और भाई शंकरलाल के गर्दन पर वार करना शुरू कर दिए। एक पल में ही भाई खून से लहूलुहान हो गया। दुकान में बैठे पिता जब भाई को बचाने पहुंचे तो आरोपी ने उन पर भी तलवार से कई वार किए। हमले में पिता का एक हाथ कट गया और शरीर में गंभीर घाव लगे। प्रकाश मेघवाल ने बताया कि मैं घटना के वक्त घर के पास ही था। मैं जब तक दौड़कर पहुंचा। तब तक आरोपी फरार हो चुका था।