उदयपुर शहर के भुवाणा चौराहे पर स्थित सरोज हॉस्पिटल पर लाखों रूपए लेकर इलाज नहीं करने और फिर वहां से मरीज को कई और ले जाकर इलाज करवाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद परिजनों ने जिला कलेक्टर को अपनी वेदना बताई तो मरीज भरत निनामा को सबसे पहले एमबी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती करवाया।
बांसवाडा निवासी प्रकाश चरपोटा ने बताया कि उनका भरत निनामा के करंट लगने के बाद इलाज के लिए महात्मा गांधी अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पर इलाज की सुविधा नहीं होने से उदयपुर रेफर कर दिया गया। इसके बाद एम्बुलेंस चालक उसे एमबी हॉस्पिटल ले जाने की बजाय सरोज हॉस्पिटल ले आए। प्रकाश चरपोटा ने यह भी कहा कि यहां पर सबसे पहले ढाई से तीन लाख रूपए इलाज के लिए मांगे उसके बाद चार अन्य आपरेशन के लिए करीब तीन से चार लाख रूपए और मांगे गए लेकिन उसके बाद भी हालत में सुधार नहीं आया। जब परिजनों ने भरत को वहां से अन्य हॉस्पिटल ले जाने की बात कहीं तो हॉस्पिटल प्रशासन ने एक अन्य आपरेशन कर ठीक करने की बात कही।
उसके बाद करीब तीन लाख रूपए और मांगे गए। पैसे की व्यवस्था नहीं होने के बाद बावजूद खेत और मकान बेचने के साथ सगे संबधियों से उधार रूपए लाकर हॉस्पिटल प्रशासन को दिए। इसके बाद भी इलाज नहीं किया। इसमें 10 लाख 15 हजार रूपए हडप लिए लेकिन इलाज नहीं किया। इसके बाद जिला कलेक्टर को पीढा बताई गई तो उन्होंने सीएमएचओं को इस मामले में भरत को इलाज मुहैया करवाने के निर्देश दिए गए। इस पर सबसे पहले भरत को सरकारी अस्पताल शिफ्ट किया गया और सीएमएचओ द्धारा गठित एक टीम हॉस्पिटल पहुंची और आवश्यक दस्तावेज जुटाएं।