राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद बजरी खनन पर लगी रोक को हटा लिया गया हैं।
अब बजरी खनने के लिए भजनलाल सरकार सशर्त बजरी खनन के लिए अनुमति जारी कर दी हैं।
2 महीने के बाद बजरी खनन की अनुमति मिलने से राजस्थान में सस्ती बजरी मिलने लगेगी और निर्माण करवाने वाले लोगों को इसका लाभ होगा।
हांलाकि बजरी खनन के 22 ब्लॉक में लीज जारी करने के लिए ऑनलाइन बिड को भजनलाल सरकार ने शपथ लेने के बाद अगले ही दिन रोक दिया था।
अब 2 महीने बाद उसी टेंडर प्रक्रिया को फिर से उन्हीं शर्तों पर शुरू करने की अनुमति दे दी। ये बिडिंग 12 मार्च से शुरू की जाएगी, जो 14 मार्च तक चलेगी।
ये लीज 5 साल के लिए दी जाएगी। बता दें कि राजस्थान में अभी वर्तमान में 45 लीज संचालित है, जिनमें से 25 से ज्यादा लीज का समय मार्च 2024 में खत्म हो जाएगा।
22 बड़े ब्लॉक में बजरी खनन की लीज जारी करने के लिए मांगी गई ऑनलाइन बिड
प्रदेश की भजनलाल सरकार की ओर से बजरी खनन के लिए लीज जारी करने के फैसले के बाद प्रदेशवासियों को कम दाम में बजरी उपलब्ध हो सकेगी। सरकार की ओर से 34 हैक्टेयर से लेकर 100 हैक्टेयर जमीन तक की लीज जारी की जाएगी। राज्य सरकार को इस ऑक्शन से 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का रेवेन्यू मिलने की उम्मीद हैं तो वही
यहां आवंटित होंगे ब्लॉक
ये ब्लॉक भीलवाड़ा, राजसमंद, ब्यावर, टोंक, जालोर के अलावा नागौर जिले में आवंटित किए जाएंगे। जो बनास नदी के अलावा लूनी नदी में होंगे। सरकार ने बिड में जो शर्ते निर्धारित की है, उसे देखकर उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार लोगों को बजरी बहुत सस्ती दर पर उपलब्ध हो सकती है।
लीज जारी होने से सस्ती बजरी मिलने की उम्मीद
इस बार लोगों को बजरी सस्ती मिल सकती है। राज्य सरकार ने इस बार बिड में जो शर्त रखी है, उसमें रॉयल्टी की चार गुना राशि से ज्यादा दर पर बजरी नहीं बेची जा सकेगी।
वर्तमान में बनास के अलग-अलग ब्लॉक पर 500 रुपए से लेकर 700 रुपए प्रति टन की दर से भराई ली जा रही है।
वर्तमान में राज्य सरकार प्रति टन बजरी की रॉयल्टी 40 से 50 रुपए प्रति टन ले रही है, जो अलग-अलग जिलों में अलग-अलग दर पर है। अब माना जा रहा हैं कि सरकार के फैसले के बाद आमजन को बजरी सस्ती उपलब्ध होगी।