उदयपुर। शहर ही नहीं बल्कि पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को शुरू हुई बारिश सोमवार को भी जारी रही। सोमवार सुबह से ही लगातार हो रही बारिश से लोगों को जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। सुबह—सुबह आफिस जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पडा। लगातार हुई बारिश के बाद तापमान नीचे गिर गया। उदयपुर का अधिकतम तापमान 24 एवं न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा।
रिमझिम बारिश से बच्चों को स्कूल जाने में भी परेशानी का सामना करना पडा। इधर सलूंबर जिले में भी चार इंच बारिश होने से कई क्षेत्रों में जलभराव जैसी समस्याएं सामने आई। इससे जिला कलेक्टर ने स्कूलों में सोमवार को विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित कर दिया।बीते 24 घंटो में गोगुंदा में हुई सबसे ज्यादा बारिश
उदयपुर जिले की बात करे तो जिले में पिछले 24 घंटो में सबसे ज्यादा बारिश गोगुंदा में दर्ज की गई। गोगुदा में कुल पांच इंच बारिश हुई। इसके अलावा केसरियाजी में 3 इंच से ज्यादा बारिश हुई। वहीं सलूंबर जिले में सलूंबर में 4 इंच, केजड़ व जयसमंद में 3-3 इंच बारिश हुई है।झाडोल क्षेत्र में हुई अच्छी बारिश के बाद मानसी वाकल को खोला एक गेट
मौसम विभाग के पूर्वानुमान यहां सही होता दिखाई दे रहा हैं। मौसम विभाग ने तीन दिन तक लगातार अच्छी बारिश होने के संकेत दिए थे। उसके बाद उदयपुर जिले के झाड़ोल सहित आस पास के क्षेत्रों में तीन दिन से लगातार बारिश का दौर जारी रहने से सभी नदी नाले उफान पर हैं।
कैचमैंट एरिया में लगातार पानी की आवक के चलते क्षेत्र के सबसे बड़े मानसी वाकल बांध फिर से लबालब हो गया।विभाग द्वारा साढ़े दस बजे बांध का एक गेट दो इंच खोला गया,इससे पहले निचले इलाकों को सायरन बजा कर बहाव क्षेत्र से दूर रहने की चेतावनी दी।
उदयपुर सहित बांसवाडा संभाग में अच्छी बारिश का दौर जारी
दक्षिणी राजस्थान और इससे लगते मध्य प्रदेश के जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। भारी बारिश के कारण रतलाम रेल सेक्शन पर कई जगह पानी भर गया। यहां से होकर गुजरने वाली ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।
राजस्थान से मुंबई जाने वाली 7 ट्रेनों के रूट बदले या फिर उन्हें आंशिक रूप से रद्द किया है। पिछले 24 घंटे की रिपोर्ट देखें तो बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालोर, सिरोही, प्रतापगढ़ और उदयपुर जिलों में कहीं-कहीं तेज बारिश हुई। बांसवाड़ा के दानपुर, बागीदौरा, सज्जनगढ़, शेरगढ़ में दो दिन के अंदर 300 से लेकर 400 MM के बीच पानी गिरा है।
इन इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए। भारी बारिश के कारण बांसवाड़ा में माही नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण इस पर बने माही बजाज सागर बांध के सभी 16 गेट खोलकर यहां से 4.91 लाख क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा।