उदयपुर। शहर की सूरजपोल थाना पुलिस ने सिटी स्टेशन के सामने स्थित कच्ची बस्ती में रहने वाले नाबालिग बच्चों की एक ऐसी बागरी गैंग का खुलासा किया है, जो रात्रि को आने-जाने वाले राहगीरों से मारपीट कर मोबाईल व अन्य सामान की लूट पाट करती है।
इस गिरोह में एक को छोड़कर सभी नाबालिग है। पुलिस ने तीन बाल अपचारियों को डिटेन किया है और मुख्य आरोपी फरार है। मुख्य आरोपी अपनी पत्नी का भी लूट में प्रयोग करता था। मुख्य आरोपी अपनी पत्नी से लोगों को बातों में लगवाता और इस दौरान मौका देखकर अपने नाबालिग साथियों के साथ राहगीर से मारपीट कर लूटपाट कर ले जाते।
थानाधिकारी दलपत सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार सूचना मिल रही थी रात्रि के समय में ट्रेन से उतरने वाले यात्री जो उदियापोल बस स्टेण्ड की जाते उनके साथ मारपीट कर लूटपाट हो रही है। इस पर थानाधिकारी ने एएसआई तेजसिंह को प्रकरण के खुलासे के निर्देश दिए। इस दौरान एक पीडि़त भैरूलाल पुत्र केसा मीणा निवासी प्रतापपुरा मियां फलां खरका सलूम्बर ने थाने पर आकर मामला दर्ज करवाया कि वह अपने साथी के साथ सिटी स्टेशन के सामने से जा रहा था।
इसी दौरान एक महिला ने उसे रोक और बात करने लगी। इस दौरान कुछ युवक आए और उसके साथ मारपीट कर उससे फोन छीन कर ले गए। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान ही सामने आया कि सिटी स्टेशन के सामने कच्ची बस्ती में रहने वाले बागरी समाज के नाबालिग बच्चे इन वारदातों को अंजाम दे रहे है। इस पर पुलिस ने इन बच्चों की पहचान कर तीन बाल अपचारियों को डिटेन किया और इन बच्चों से दो मोबाईल फोन बरामद किए।
पूछताछ में इन बाल अपचारियों ने बताया कि उनके इस गिरोह का सरगना गोपी पुत्र किशन बागरी निवासी सिटी स्टेशन के सामने कच्ची बस्ती है। पूछताछ में बच्चों ने बताया कि इन वारदातों में गोपी की पत्नी का भी हाथ है। पुलिस ने बाल अपचारियों को न्यायालय मेें पेश कर बाल सम्प्रेषण गृह में भिजवाया। घटना के बाद से ही मुख्य आरोपी गोपी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।
पत्नी को राहगीरों से बातों उलझाता था
एएसआई तेजसिंह ने बताया कि आरोपी गोपी अपनी पत्नी को भी वारदात में शामिल करता था। उसकी पत्नी रात्रि के समय में पैदल जा रहे लोगों को रोककर बातें करती थी। बातचीत के दौरान ही मौका देखकर ये लोग राहगीर पर हमला कर देते और लूटपाट कर भाग जाते एएसआई तेजसिंह ने बताया कि लूटपाट के बाद में ये सभी आरोपी मोबाईल को बस स्टेण्ड पर आकर लोगों को 2-2 हजार में बेच देते। 25-30 हजार रूपए का फोन 2 हजार मेें मिलता देखकर कोई भी बाहरी व्यक्ति ले लेता। उन्होंने बताया कि कुछ दुकानदार भी ये फोन औने-पौने दाम में खरीद लेते और बाद में इन फोन के पाट्र्स निकालकर अन्य फोन में डालकर बेच देते। जिससे दुकान भी पैसा कमा लेते थे।
साथ देने पत्नी ने मना किया तो तोड़ दिया पांव
पुलिस के अनुसार आरोपी गोपी इतना शातिर है कि उसने अपनी पत्नी का ही पांव तोड़ दिया। उसकी पत्नी ने इस तरह की घटना करने से इंकार कर दिया तो उस पर हमला कर उसका पांव ही तोड़ दिया, जिसका बाद में अन्य परिजनों ने उपचार करवाया। पुलिस के अनुसार मोबाईल लूटपाट की घटना के बाद बाद लोग प्रकरण ही दर्ज नहीं करवाते थे। अधिकांश तो बाहर के लोग होते है और वे पुलिस के पचड़े में नही पडऩा चाहते थे। इसी कारण इन बदमाशों के हौंसले बुलंद थे।