उदयपुर। शहर के हाथीपोल थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने दो के खिलाफ कूट रचित दस्तावेजों से उसकी सम्पति पर कब्जा करने का ममला दर्ज करवाया है। इस सम्पति पर वर्ष 1967 से विवाद चल रहा था जिसका हाल में ही निस्तारण हुआ था।
पुलिस के अनुसार प्रमोद कुमार छापरवाल पुत्र स्व. नानालाल छापरवाल निवासी होटल सहेली पेलेस सहेली मार्ग उदयपुर ने कुन्दन भट्ट पत्नी सुनील सुखवाल निवासी राताखेत हर्षनगर रामपुरा, प्रयागगिरी पुत्र राजगुरू हाल निवासी आश्रम खास ओदी धुणी कालका माता मंदिर सीसारमा व अन्य सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया कि प्रार्थी एवं उसके सह स्वामी के संयुक्त स्वामित्व की भूमि एवं उस पर निर्मित भवन होटल जो लेक व्यू के नाम से जानी पहचानी जाती है एवं जो स्वरूप सागर पाल के नीचे झरीया मार्ग पर स्थित है जिस पर होटल का संचालन उसके स्व. शमशुदीन सैयद एवं उसके वारिसों द्वारा सन् 1938 से किया जा रहा था। इस सम्पत्ति के सम्बन्ध में प्रार्थी के पूर्वाधिकारी एवं पूर्वाधिकारी के रिश्तेदारों के मध्य इस सम्पत्ति के बंटवारें को लेकर एक वाद जिला न्यायालय में सन् 1967-1968 से चला।
विवाद के दौरान पक्षकारों के मध्य आपसी लड़ाई झगड़े के कारण सम्पत्ति को हाथीपोल थाने की रिसिवरी में वर्ष 1990 से 2000 के बीच रही थी। यह कि प्रार्थी के पूर्वाधिकारी द्वारा इस सम्पत्ति के सम्बन्ध में जिला न्यायालय द्वारा पारित निर्णय व डिकी 20 मई 2000 से निर्धारित हिस्से से अधिकार प्राप्त किया था। इस डिकी एवं निर्णय के खिलाफ किसी भी पक्षकार द्वारा कोई अपील नहीं की। इस निर्णय व डिकी के पारित होने के बाद प्रार्थी एवं अन्य सह स्वामियों ने इस भूमि को भवन सहित जिला न्यायालय के निर्णय के अनुसार हिस्सेदारों से अपने-अपने हिस्से का स्वामित्व क्रय किया।
18 मार्च 2023 को प्रार्थी की इस सम्पत्ति की देखभाल करने वाले चौकीदार का फोन आया कि इस सम्पत्ति पर किसी महिला द्वारा 4-5 मजदूरों को साफ-सफाई के लिए भेजा गया है। जिस पर प्रार्थी ने चौकीदार को बताया कि उनके द्वारा मजदूर नहीं भेजे गये है। इस पर प्रार्थी के चौकीदार ने मजदूरों को साफ-सफाई करने से मना कर दिया। इस सम्बन्ध में तत्काल ही एक सूचना हाथीपोल पुलिस को दी गई। 11 मई 2023 को कुन्दन भटट, ओमप्रकाश एवं अन्य तीन चार व्यक्ति एक पुलिस कांस्टेबल के साथ इस सम्पत्ति पर आए उस समय प्रार्थी एवं प्रार्थी के साथ अन्य सह स्वामी गोपाल मेहता मौके पर थे।
कुंदन भट्ट ने अपने साथ आये अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर इस सम्पत्ति को अपनी होना बताकर उसे धमकाकर बाहर जाने के लिए कहा। जिस पर प्रमोद छापरवाल ने पुलिस कांस्टेबल से इस सम्बन्ध में पूछा तो उसने अपने आप को एसपी कार्यालय से आना बताया। प्रार्थी एवं सह स्वामी को सम्पति कुंदन भट्ट की होना बताकर उस पर काम नहीं करने की धमकी दी, जिस पर प्रार्थी द्वारा पुलिस कांस्टेबल एवं अन्य आरोपियों को इस सम्पति में आने पर कानूनी कार्यवाही करने की चेतावनी दी तो वे वहां से चले गए। प्रमोद छापरवाल ने बताय कि उसकी
जानकारी में आया कि कुंदन भट्ट प्रयागगिरी जी के साथ मिलीभगत कर इस सम्पत्ति पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने नाम से विद्युत कनेक्शन लेना चाहते है। इसके लिए उन्होनें विद्युत विभाग में आवेदन भी किया है। कुन्दन भटट ने अपने पक्ष में कथित रूप से स्वामित्व के दस्तावेज के रूप में एक अपंजीकृत दान पत्र 26. फरवरी .2021 एवं एक कूटरचित पुराने पटटे की प्रति भी प्रस्तुत की है। जिनको देखने से ही पता चलता है कि दानप्रदाता महन्त प्रयागगिरी जी व कुन्दन भटट ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर अपंजीकृत फर्जी एवं कूटरचित पटटे की रचना की है। इस कूटरचित पट्टे के आधार पर दान पत्र का निष्पादन कर प्रार्थी के स्वामित्व की इस भूमि एवं भवन को हड़पने का प्रयास कर रहे है। पुलिस ने मामला दर्ज क जांच शुरू कर दी है।