उदयपुर, 10 अक्टूबर। विधानसभा आम चुनावों की घोषणा हो चुकी है। इसके साथ ही राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों का प्रचार अभियान भी शुरू हो गया है। इसमें ध्वनि विस्तारक यंत्रों का इस्तेमाल होने से विद्यार्थी वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी होने की संभावना के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय द्वारा ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए प्रदत्त निर्देशों की पालना में जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों एवं राजस्थान कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1963 की धारा 5 एवं नियम 1964 की धारा 4 तथा पर्यावरण (विनियन एवं नियत्रण) नियम 2000 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक आदेश जारी कर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार के ध्वनि प्रसारक एवं विस्तारक यंत्रों तथा लाउडस्पीकर के उपयोग को प्रतिबन्धित किया है। यह निषेधाज्ञा 5 दिसम्बर तक प्रभावी रहेगी।
जारी आदेश के अनुसार किसी भी प्रकार के वाहनों पर लागए गए लाउडस्पीकर्स के उपयोग की अनुमति सुबह 6 बजे से पूर्व तथा रात्रि 10 बजे के बाद नहीं दी जा सकेगी। स्वीकृति योग्य जो अवधि में भी ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग अधिक तेज आवाज से नहीं किया जाएगा। लाउड स्पीकर के खर्चे का संधारण निर्धारित रजिस्टर में किया जाकर चुनाव खर्च में दर्शाना होगा।
इस अवधि में किसी सार्वजनिक सभा अथवा जुलूस के लिए पूर्ण रूप से स्थिर किसी लाउड स्पीकर का प्रयोग किए जाने के संबंध में संबंधित रिटर्निंग अधिकारी, उपखण्ड मजिस्ट्रेट एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) उदयपुर से पूर्व लिखित अनुमति प्राप्त करनी होगी। आदेश में कहा कि वाहनों पर लाउड स्पीकर लगाए जाने की स्थिति में अनुमति प्रदान करने के लिए सक्षम अधिकारी को अनुमति हेतु प्रस्तुत आवेदन पत्र में वाहन रजिस्ट्रेशन, वाहन का प्रकार, अभ्यर्थी अथवा राजनैतिक दल का नाम अंकित किया जाएगा एवं इसी प्रकार का अंकन सक्षम अधिकारी द्वारा जारी स्वीकृति में किया जाएगा। आदेश की अवहेलना करने पर लाउडस्पीकर के उपयोग से जुड़े सभी यंत्रों तथा संबंधित वाहन के साथ पुलिस अधिकारियों द्वारा जब्त कर उपयोगकर्ता के विरुद्ध राजस्थान कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1963 के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी।