उदयपुर। आंगनबाड़ी के सुपरवाईजर और अन्य कार्मिकों से परेशान होकर एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा जहर खाकर आत्महत्या करने ने मामले ने शनिवार को तूल पकड़ लिया। शनिवार सुबह मृतका के परिजनों और जैन समाज के लोगों ने नामजद चारों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर शव का पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया और कलेक्ट्री पर जाकर उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान कलेक्ट्री के बाहर सड़क पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस अधिकारी ने हटाने का प्रयास किया, जिस पर मृतका के परिजनों और पुलिस में जमकर बहस हो गई। बाद में शहर भाजपा के नेताओं और मृतका के परिजनों ने एसपी से वार्ता की और एसपी के निष्पक्ष कार्यवाही के आश्वासन पर परिजन माने और शव उठाया।

जानकारी के अनुसार राताखेत मल्लातलाई निवासी अंजूबाला (56) पत्नी रतनलाल दलाल जो भीलूराणा कच्ची बस्ती मल्लातलाई में आंगनबाड़ी में काम करती थी। उसे आंगनवाड़ी के सुपरवाईजर जया वीरवाल व शारदा वीरवाल, क्लर्क दिनेश मीणा और कार्यकर्ता अतिका अहमद काम को लेकर परेशान किया जा रहा था। यह चारों आरोपी उस पर दबाव बना रहे थे कि यदि नौकरी करनी है तो डेढ़ लाख रुपये देने होंगे। इसको लेकर वह तनाव में चल रही थी। इसी को लेकर इस महिला ने आत्महत्या कर ली। मृतका के परिजनों ने बताया कि चारों आरोपियों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से मासिक वसूली को लेकर दबाव बनाते है। उसने कई बार इस बारे में अपने परिजनों को भी बताया था। मरने से पूर्व उसने एक पत्र लिखा जिसमें जैन समाज की महिला होने के नाते इन चारों आरोपियों द्वारा आर्थिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोपल गाया। इस पत्र की प्रतिलिपि कलेक्टर, शहर विधायक, सहकारिता मंत्री गौतम दक, ग्रामीण विधायक, अम्बामाता जैन समाज के अध्यक्ष, पूर्व उपमहापौर, महिला एवं बाल विकास निदेशक जयपुर, महिला एवं बाल विकास विभाग उदयपुर, अतिक अहमद कार्यकर्ता सहित व्हाट्सएप्प कॉपी व निजी पत्रावली को देने के लिए लिखा था। शुक्रवार को इस महिला ने देहलीगेट पर हनुमान मंदिर के पास में विषाक्त सेवन कर लिया। इस दौरान इसने एक विडियों भी बनाया था, जिसमे यह इन चारों द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगा रही थी। बाद में इसे चिकित्सालय ले जाया गया, जहां पर उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मृतका का भाई लोकेश कोठारी भाजपा नेता और निवर्तमान पार्षद है।
इस घटना के विरोध में शनिवार सुबह मृतक के परिजन, जैन समाज के मौतबीर और भाजपा नेता पहुुंच मोर्चरी पहुंच गए, जहां पर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी करने, मृतका के परिजनों को सरकारी नौकरी देने और 50 लाख रूपए के मुआवजे की मांग पर अड़ गए। पहले तो पुलिस कर्मी उन्हें समझाते रहे और वहां पर काफी देर तक बात के बाद भी सहमति नहीं बनी। मोर्चरी में शहर भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह, भाजपा नेता प्रमोद सामर, उप महापौर पारस सिंघसी, भाजपा नेता अतुल चंडालिया भी मौजूद रहे। मोर्चरी में बात नहीं बनने पर सभी कलेक्ट्री पहुँचे और कलेक्ट्री के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने कार्यवाही की मांग को लेकर नारेबाजी। इसके बाद प्रतिनिधि मण्डल एसपी योगेश गोयल से मिला और अपनी मांगे रखी। एसपी गोयल ने वस्तुस्थिति की जानकारी दी और बताया कि मामले में दो को पकड़ लिया है और दो अन्य की तलाश की जा रही है। साथ ही एसपी ने आश्वस्त किया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और जो भी सरकार की ओर से सहायता होगी वह दिलवाई जाएगी। इसके बाद परिजन माने और पुलिस ने पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के सुपुर्द किया।
पुलिस और परिजनों में बहस
कलेक्ट्री के बाहर परिजनों द्वारा प्रदर्शन करने के दौरान परिजन सड़क पर बैठ गए और कलेक्ट्री के सामने वाला रास्ता जाम कर दिया। इस पर परिजनों को उठाने गए भुपालपुरा थानाधिकारी आदर्श परिहार और मृतक के परिजनों के बीच में जमकर बहस हो गई। मामला धक्का-मुक्की तक पहुंच गया। बाद में वरिष्ठ नेताओं ने समझाईश कर मामले को निपटाया।