भारत देश की संस्कृति और सभ्यता के साथ यहां के रिति रिवाज से कई देशों के लोग प्रभावित है। कुछ दिनों पहले उत्तरप्रदेश के प्रयायराज में महाकुंभ में लाखों के विदेशियों ने श्रद्धा की डूबकी लगाई और कई लोगों ने सनातन धर्म को भी अपना लिया। लेकसिटी घुमने आया फ्रेंच जोड़ा भारतीय संस्कृति और सभ्यता से इतना प्रभावित हुआ कि होली के पावन पर्व पर अग्नि के सात फेरे लेकर शादी के बंधन में बंध गए और सात जन्मो के लिए एक दूजे के हो गए। लेकसिटी में इस शादी को करवाने वाले फ्रेंच एस्कोर्ट हितेश सिंह ने बताया कि निकॉल पिछले कई सालों से भारत घुमने आ रही है।

पिछले साल निकॉल अपने बॉयफ्रेंड मारियो के साथ भारत घुमने आई थी और उस दौरान दोनों को हिंदू मेरिज एक्ट के बारे में जानकारी दी। निकॉल ओर मारियो हिंदू रिति रिवाज से होने वाली शादी और उसकी रस्मों से इतने प्रभावित हुए कि दोनों ने हिंदू रिति रिवाज से शादी करने की इच्छा जाहिर की। निकॉल पूर्व में भी भारत आ चुकी है और उसे यहां के त्यौहार बहुत पंसद है इसलिए होली के अवसर पर इस शादी का प्लान किया गया ताकि वह हिंदू रिति रिवाज के अनुसार शादी के साथ होली के त्यौहार का आंनद ले सके। गुरूवार को दोनों सात फेरों के बाद शादी के बंधन में बंध गए। हितेश सिंह ने शादी में शामिल होने के लिए अपने कुछ रिश्तेदारों को भी बुलाया, जो कि इस शादी के साक्षी बने।
शादी के बाद मारियो ने निकॉल की सिंधुर से मांग भरी
हिंदू रिति रिवाज के अनुसार शादी में पंडित जी लड़का व लड़की हाथो पर मेहंदी लगाकर हाथ को बांध देते है उसे हथवेला कहते है। फ्रेंच जोड़े का भी हथवेला जोडा गया और उसके बाद पंडित ने मंत्रो का उच्चारण करते हुए सात फेरे करवाएं। पंडित सातों फेरों के सात वचनों के बारे में जानकारी दी। पंडित के द्धारा बताए सात वचनों को हितेश सिंह ने फ्रेंच भाषा में कन्वर्ट करते हुए उनके सामने रखा। इससे वह काफी खुश हुए। इसके बाद दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। इसके बाद पंडित के कहेनुसार मारियो ने निकॉल की सिंधुर से मांग भरी और निकॉल को अपना जीवन साथी बना लिया।
फ्रेंच जोड़े की इस शादी के कई युवा बने साक्षी
उदयपुर की पिछोला झील किनारे स्थित कारोही हवेली में हिंदू रिति रिवाज से शादी करने वाले फ्रेंच जोडे की इस शादी के कई युवा साक्षी बने। निकॉल व मारियो की शादी करवाने वाले फ्रेंच एस्कोर्ट हितेश सिंह ने बताया कि निकॉल लम्बे समय से भारत घुमने आ रही थी। ऐसे में वह हितेश सिंह की अच्छी दोस्त बन गई। इसके बाद हितेश सिंह ने निकॉल का कन्यादान कर उसके पिता का फर्ज अदा किया तो वहीं हितेश सिंह ने इस शादी में शामिल होने के लिए अपने कई रिश्तेदारों को बुलाया जिसमें कई युवा भी शामिल थे।