उदयपुर। विधानसभा चुनाव को लेकर 6 नवंबर को नामांकन का समय समाप्त होने के साथ ही अब राजनीतिक दलों ने अपने नाराज उन उम्मीदवारों को मनाने का काम करना शुरू कर दिया है जिन्होंन निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी से अपना नामाकंन दाखिल किया हैं। उदयपुर संभाग में 6 सीटों पर भाजपा के तो 6 पर कांग्रेस के बागी मैदान में उतर गए हैं। इनमें भाजपा व कांग्रेस से एक-एक नेता ने तो आरएलपी ज्वॉइन कर उसके बैनर पर नामांकन दाखिल किया है। कपासन व मावली में इन नेताओं के साथ युवा जुड़े हैं। इसके अलावा चित्तौड़गढ़ में भाजपा के चन्द्रभान आक्या ने निर्दलीय नामांकन भर भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। ऐसा ही हाल बांसवाड़ा में भाजपा के हकरू मईड़ा का हैं।
बगावत कर नामाकंन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों ने उडाई पार्टी नेताओं की नींद
टिकट वितरण के बाद कई जगहों पर बागियों के नामाकंन दाखिल करने की चर्चा जोरों पर थी। ऐसे में कुछ जगहों पर ऐसा देखने को मिला। उदयपुर जिले की मावली विधानसभा सीट पर भाजपा से बागी हुए कुलदीप सिंह चुण्डावत ने एन वक्त पर हनुमान बेनीवाल की पार्टी रालोपा को ज्वाइंन कर अपना नामाकंन दाखिल किया। कुलदीप सिंह के साथ मावली का यूथ खडा हैं। ऐसे में पार्टी के नेताओं को चिंता सता रही हैं। माना जा रहा है कि कुलदीप सिंह की युवा टीम पार्टी प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। वहीं चित्तौड़गढ़ सीट पर भाजपा के विधायक चन्द्रभान आक्या ने निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है।
चन्द्रभान ने लगातार भीड़ के बीच रहकर अपनी ताकत दिखाई और इसके नुकसान से भाजपा चिंतित हैं। इधर राजसमंद सीट पर भाजपा की दीप्ति माहेश्वरी मैदान में हैं। यहां भाजपा से ही दिनेश बड़ाला, महेंद्र कोठारी व गणेश पालीवाल निर्दलीय मैदान में हैं। एक साथ तीन निर्दलीय प्रत्याशियों के नामाकंन ने पार्टी के आलाकमान के लिए मुसीबते खड़ी कर दी हैं। यहां पर माहश्वरी के लिए बाहरी प्रत्याशी होने का मुद्दा तेजी से उठा था। राजसमंद जिले की एक और सीट कुंभलगढ पर भाजपा से लगातार जीत रहे सुरेन्द्र सिंह राठौड़ को फिर रिपीट किया है। इस बार यहां भाजपा के नीरज सिंह राणावत व अनोप सिंह ने भी निर्दलीय नामांकन भर दिया है।