उदयपुर। पाली से गांव लौटने के दौरान एक बाईक स्लीप हो गई, जिससे एक की मौत हो गई और दो को एमबी चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया, जिसमें से एक के पास विस्फोटक से भरा बैग था, जो उसने एक्सरे रूम में रख कर भूल गया, जिसे पुलिस ने जब्त किया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 2 दिसम्बर को एएसआई निर्भय शंकर, चालक निहारीका के साथ रात्रि कालीन गश्त कर रहा था। इस दौरान कांस्टेबल मुकेश ने बताया की हॉस्पीटल स्टाफ ने बताया की ट्रोमा इमरजेंसी एक्स रे रूम में एक लाल रंग का बैग मिला जिसमे गुल्ले जैसी कोई संदिग्ध वस्तु हैं, जिस पर मोके पर गया तो वहां पर एक लाल रंग का बैग मिला जिसमे गुल्ले जैसी वस्तु थी। धौलपुर की एक फैक्ट्री में बने पाँच गुल्ले व पांच टोपी मिली। इस पर बैग को जब्त किया गया।
इस दौरान जांच की तो पता चला कि जगदीश पुत्र नाथु लाल निवासी खोडी महुडी परसाद जो एक्सरे कराने के लिए आया था, जो अस्थिरोग विभाग 3 फ्लोर पर आईसीयू में भर्ती हैं। जिस पर पुलिस टीम ने आईसीयू में जाकर जगदीश से मिले लाल रंग के बैग के बारे में पूछा गया तो उसने बताया की मैं तथा प्रदीप पुत्र लक्ष्मण मीणा निवासी बारा परसाद दोनों साईनाथ माईन्स नाडोल पाली में काम करते है तथा रणजीत पुत्र खातु मीणा निवासी बारां परसाद जो दूसरी माइंस में काम करता है।
हम तीनों 1 दिसम्बर को अपने घर जाने से लिए बाईक से निकले। बाईक रणजीत चला रहा था बीच में प्रदीप तथा पीछे मैं बैठा था। रणजीत का बैग मेरे पास था। 3 बजे देलवाडा रोड पर बाईक का बेलेंस बिगड जाने से हमारा एक्सीडेन्ट हो गया, जिससे रणजीत की मृत्यु हो गई। उसकी बॉडी को देलवाडा हॉस्पीटल में रखी। मुझे व प्रदीप को उदयपुर ईलाज के लिए भेज दिया। मुझे महाराणा भूपाल राजकीय चिकित्सालय में अस्थिरोग विभाग में आईसीयू में भर्ती किया। एक्स-रे करने के लिये बताया तो मैं इमरजेन्सी एक्स.रे रूम में एक्स.रे कराने के लिये गया। मेरे पास रणजीत का जो बैग था वह मेरे पास होने से एक्सरे करने के समय नीचे रखा था जो मैं वही पर भूल गया था। बैग रणजीत का था उस बैग में क्या था मुझे इसकी कोई जानकारी नही हैं। रणजीत ही बता सकता है कि बैग में क्या था।