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जमीन पर कब्जा करने की नीयत से सीज की गई दुकानेें ध्वस्त: यूआईटी सचिव, तहसीलदार सहित अन्य को भी बनाया आरोपी

उदयपुर। शहर के सुखेर थाना क्षेत्र में एक दम्पति ने यूआईर्टी सचिव, तहसीलदार, एक थानाधिकारी सहित अन्य के खिलाफ उसकी जमीन पर कब्जा करने के लिए सीज की गई दुकानों को बिना नोटिस ही ध्वस्त कर लाखों रूपए का नुकसान करने का मामला दर्ज करवाया है।

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पुलिस के अनुसार कोकिला पत्नी अशोक वसीटा निवासी विद्या भवन रोड़ फतहपुरा व इसके पिता अशोक वसीटा ने यूआईटी सचिव नीतेन्द्र पाल सिंह, तहसीलदार रणजीत सिंह, दीपक भंसाली पुत्र गजेन्द्र भंसाली निवासी आदिनाथ नगर फतहपुरा, गजेन्द्र भंसाली, थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह देवल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया कि उनका एक भूखण्ड जो भुवाणा है, जिसे उन्होंने क्रय किया था और उस पर तीन दुकानों का निर्माण कराया था। इस दौरान यूआईटी तहसीलदार ने उन्हें नोटिस प्रेषित किया जिसके खिलाफ एक दावा ग्राम न्यायालय गिर्वा उदयपुर में पेश किया, जहां से स्थगन आदेश जारी किया। इस दौरान यूआईटी तहसीलदार 17 सितम्बर 2019 को कार्यवाही में यह आदेश पारित किया कि प्रार्थी की भूमि पर निर्मित तीन दुकानों को ध्वस्त अथवा सीज किया जावें ।

जिस पर नगर विकास प्रन्यास तहसीलदार द्वारा ध्वस्त अथवा सीज में से सीज करने की कार्यवाही करते हुए दो दुकाने तथा एक दुकान को सीज किया। इस सीज की कार्यवाही के खिलाफ प्रार्थी ने एक अपील संभागीय आयुक्त उदयपुर में 16 अक्टूबर 2019 को पेश की। यह सम्पूर्ण कार्यवाही में प्रार्थी के भूखण्ड के पीछे की ओर दीपक पुत्र गजेन्द्र भंसाली का भूखण्ड संख्या 7 बताया जा रहा है, जिसे उन्होंने फखरूद्दीन पुत्र इब्राहीम पटेल से खरीदा गया जिसमें फखरूद्दीन का 1600 वर्गफीट भूमि ही बनती है, जबकि फखरूद्दीन एवं दीपक भंसाली ने मिलकर अपने स्वामित्व के हिस्से करीब 1600 वर्गफीट से अधिक 2400 वर्गफीट का फर्जी पंजीयन कराया गया और इसी को आधार बनाकर हम प्रार्थी की भूमि को हड़पने के उद्देश्य से फर्जी एवं कूटरचित विक्रय पत्र बनाकर नगर विकास प्रन्यास उदयपुर में झूठी शिकायते की गई।

10 अक्टूबर 2023 को सुबह करीब 6 बजे प्रार्थियों की सीज्र तीन दुकानों को नगर विकास प्रन्यास, तहसीलदार रणजीत सिंह, सचिव नित्येन्द्र पाल सिंह, दीपक भंसाली, गजेन्द्र भंसाली, कुंआरिया थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह देवल, जेसीबी, ट्रेक्टर एवं मजदूरों तथा सुखेर थाने की पुलिस ने मिलकर प्रार्थियों की निर्मित तीनों ही दुकानों को ध्वस्त कर दिया। जब नगर विकास प्रन्यास उदयपुर द्वारा अपने निर्णयानुसार ध्वस्त अथवा सीज में से सीज की कार्यवाही अपना ली गई थी तो प्रार्थियों की दुकाने नगर विकास प्रन्यास के संरक्षण में थी तथा ध्वस्त करने के पूर्व न तो सीज को खोलने की कार्यवाही की और न ही किसी प्रकार का कोई नोटिस दिया, जबकि सम्पत्ति 4 साल से सीज थी। इसके बाद भी सभी ने मिलीभगत कर तीनों दुकानों को ध्वस्त कर दिया। पीड़ित की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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