उदयपुर में बिहारी समाज के प्रमुख त्योहार छठ पूजा महोत्सव का आगाज शुक्रवार को हुआ। चार दिन के उत्सव की शुरुआत नहाए खाए के व्रत से हुई। अंतिम दिन 20 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समापन होगा।
बिहार, यूपी और पश्चिमी बंगाल के रहने वाले लोग एकजुटता के साथ इस उत्सव को मनाते हैं। यह त्यौहार संतान की रक्षा और पति की की लंबी आयु के लिए मनाया जाता हैं। छठ पूजा संयुक्त समारोह समिति के अध्यक्ष अश्वेश्वर साहनी का कहना है कि छठ पूजा की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। फतहसागर के देवाली छोर पर टेंट आदि लगा दिए गए। साहनी का कहना है कि छठ पूजा और विज्ञान के बीच महरा संबंध है।
इस पर्व के चारों दिन होने वाली पूजा-अर्चना की विधि और भीग के लिए बनने वाले व्यंजनों को खास माना गया हैं। नहाए खाए के साथ छठ पूजा की शुरुआत हुई। घरों में कद्दू की सब्जी और चावल बनाए गए। इसके अलावा कोई चीज नहीं बनाई गई। कद्दू में फाइबर और पोटेशियम अच्छी मात्रा में होता है, ये ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में कई तरह के फलों का प्रसाद बनाकर सूर्य अमदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बांडों में कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित रखते हैं। आम तौर पर लोग इस लोग इस सब्जी को कम हो खाते हैं।