उदयपुर। जिले की खैरोदा थाना पुलिस ने शराब के नशे में अपने 10 वर्षीय चचेरे भाई की ल_ से निर्ममता से हत्या कर शव को एक कट्टे में बंद कर एक कुएं में फैंकने में चचेरे भाई को मुम्बई से गिरफ्तार किया है। आरोपी मुम्बई में एक मार्बल की दुकान पर काम कर रहा था।
पुलिस के अनुसार खैरोदा थाना क्षेत्र के रानीडूंगला गांव में एक कुएं में 24 अगस्त को तेज बदबू आ रही थी। इस पर पुलिस को बताया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुँची और कट्टे को बाहर निकलवाया। कट्टे में एक बच्चे का शव मिला। बच्चे की पहचान अशोक (10) पुत्र नानालाल मीणा निवासी रानी डूंगला के रूप में हुई। ग्रामीणों ने बताया कि यह बच्चा तीन-चार दिनों से गायब था। ग्रामीणों ने बताया कि इसके पिता नानालाल मीणा की बीमारी से मौत हो चुकी है। अख्शोक की माता कैलाशी मीणा की भी फरवरी 2022 में कैलाशी के भतीजे भूरालाल ने हत्या कर दी थी, जो जेल में है।
अशोक अपने एक अन्य चचेरे भाई भीमा उर्फ भीमराज पुत्र बाबरू मीणा निवासी रानी डूंगला के साथ रहता था, जो गायब चल रहा है। पुलिस ने शंका के आधार पर भीमा उर्फ भीमराज पुत्र बाबरू मीणा निवासी रानी डूंगला पर हत्या का मामला दर्ज कर तलाश शुरू की। पुलिस ने आरोपी का पता लगाया तो पता चला कि आरोपी मुम्बई के वसई ईलाके में एक मार्बल की दुकान पर काम कर रहा है और वहीं पर रह रहा है। इस पर थानाधिकारी धनपत सिंह के नेतृत्व में हैड कांस्टेबल अरविन्द सिंह, कांस्टेबल अमित कुमार यादव, प्रदीप सिंह, लीलाराम राजपुरोहित, राजेन्द्र चोटिया की टीम ने मुम्बई के वसई इलाके में एक मार्बल की दुकान पर दबिश देकर भीमा उर्फ भीमराज पुत्र बाबरू मीणा निवासी रानी डूंगला खैरोदा को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में बताया कि 20 सितम्बर को दोपहर 3 बजे के बाद भीमराज ने शराब के नशे में अशोक रावत को भजेसिंह मीणा के घर से गांव के बीच में से मारपीट व गाली-गलौच करता हुआ अपने घर पर लेकर आया। घर पर लाने के बाद नाबालिग अशोक दोपहर में जंगल में बैलो को चरने के लिए अकेला छोड कर आ गया। इस बात को लेकर भीमा उर्फ भीमराज रावत ने घर में पडे ल_ से अशोक के सिर, मुहँ व हाथ-पांव पर ताबडतोड़ वार किए, जिससे अशोक घायल होकर बेहोश हो गया और मौत हो गई। पुलिस व गांव वालो के डर से आरोपी भीमा उर्फ भीमराज ने अंधेरा होते ही प्लास्टिक के कट्टे में मृतक अशोक की लाश डालकर उसमें पत्थर डालकर नजदीक के कुएं में डालकर मुम्बई भाग गया। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया जहां से दो दिन के रिमाण्ड पर प्राप्त किया है।
बच्चे भी खूब भगाया था भीमराज को
पुलिस के अनुसार भीमराज शराब पीने का आदी है और इसी वजह से उसकी पत्नी भी उसे दो साल पहले छोड़कर जा चुकी थी। अशोक और भीमराज दोनों अकेले थे। दोनों खाना बनाते थे साथ रहते थे। घटना वाले दिन भीमराज ने जमकर शराब पी ली थी और बाद में जब उसे पता चला कि अशोक ने बैलों को जंगल में चरने के लिए छोड़ दिया है तो उसने अशोक की तलाश की। तलाशी के दौरान अशोक ने भीमराज को मक्की के खेतों में जमकर दौड़ाया था, जिससे वह आवेश में आ गया था और पकड़ने के बाद घर पर लाकर जमकर मारपीट की।
रिश्तेदार की सहायता से मुम्बई में लगा नौकरी
पुलिस के अनुसार हत्या के बाद भीमराज ने अपने किसी रिश्तेदार से सम्पर्क तो उसने मुम्बई के वसई ईलाके में नौकरी होना बताया, जिस पर वह वसई गया और रिश्तेदार के रेफेरेंस से नौकरी लग गया। भीमराम फोन नहीं रखता था और मुम्बई जाने के बाद उसने किसी से सम्पर्क नहीं किया। ऐसे में पुलिस ने भीमराज के रिश्तेदारों से बात की तो पता चला कि वह वसई हो सकता है।