उदयपुर में पॉक्सो वन कोर्ट ने एक प्रकरण में आरोपी को अंतिम सांस तक जेल में रखने की सजा सुनाई हैं साथ ही पीडित प्रतिघर के रूप में 15 लाख रूपए की क्षति पूर्ति के जमा करवाने के आदेश जारी किए हैं।
पॉक्सो कोर्ट वन के लोकअभियोजक चेतन पुरी गोस्वामी ने बताया कि 13 अगस्त 2020 को गोवर्धन विलास थाने में पीडिता की मां की रिपोर्ट पर दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार महिला के साथ उसका पति शराब पीकर आए दिन मारपीट करता था। इससे परेशान होकर वह अपने बच्चों के साथ पीहर चली गई। इस बीच घटना से पहले शराब पीकर उसका पति पीहर पहुंचा और रात में मासूम को अपने साथ आटो में बिठाकर ले गया।
करीब तीन घंटे बाद पिता मासूम को फिर से लाया और उसके मामा के घर छोडकर चला गया। इस पर उसके गुप्तागों से खून निकलने पर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां पर चिकित्सकों ने जांच करने के बाद इस बात की पुष्टि की कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ हैं। चिकित्सकों ने पुलिस को सूचना दी और पुलिस के पहुंचने के बाद मासूम के पिता के खिलाफ उसकी मां ने लिखित रिपोर्ट दी। करीब तीन साल तक इस मामले में सुनवाई के दौरान 26 गवाहों और 47 दस्तावेजो को पेश किया गया। इन गवाहों के बयानों और दस्तावेजों के आधार पर पॉक्सो वन कोर्ट के पीठासीन अधिकारी ने आरोपी शंकरलाल गमेती को दोषी मानते हुए सजा सुनाई हैं। शंकरलाल गमेती को अंतिम सांस तक जेल में रहना पडेगा वहीं पीडित प्रतिघर के रूप में 15 लाख रूपए देने होगें।