उदयपुर नाथद्वारा हाईवे पर अनंता हॉस्पिटल के सामने निर्माणधीन मकान में बुधवार देर शाम तेंदुआ घुस गया। तब कुछ मजदूर इस मकान में थे, जिन्होंने जैसे-तैसे जान बचाई। सूचना पर वन विभाग और एनिमल रेस्क्यू टीम पहुंची। फ्लड लाइट और टॉर्च की रोशनी में तेंदुए को रेस्क्यू किया जा सका। फिलहाल वह सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में है।
घटनाक्रम रात करीब 8 बजे का है, जब अस्पताल के सामने की ओर निर्माणाधीन मकान में काम करने वाले मजदूर भोजन के बाद सोने की तैयारी में थे। चारों ओर घुप्प अंधेरा था। एकाएक मकान में तेंदुआ घुस आया। उसके गुर्राहट सुनकर मजदूरों के हाथ-पांव फूल गए। वे तुरंत बाहर तरफ दौड़ पड़े। हाथोहाथ वन विभाग और देलवाड़ा (राजसमंद) थाना पुलिस को इत्तला दी गई। कुछ ही देर बाद जाब्ता आ पहुंचा।
वन विभाग के साथ एनिमल रेस्क्यू टीम भी आई, लेकिन अंधेरा होने के कारण सब एकबारगी बेबस दिखे। सबसे पहले चुनौती उस कमरे के पास जाने की थी, जहां तेंदुआ दुबका था। इस कमरे में दरवाजे तक नहीं लगे थे। दूसरे परेशानी ये कि परिसर में रोशनी की व्यवस्था भी नहीं थी। पहली बार में दरवाजे पर नहीं लग पाया जाल, दहाड़ सुनते ही लोग तितर-बितर जैसे-तैसे टीम तेंदुए वाले कमरे तक पहुंची और दरवाजे पर नेट लगाना शुरू किया।
पहली बार में नेट लगाया ही जा रहा था कि तेंदुआ दहाड़ा लगा। उसकी गरज सुनकर ही लोग नेट छोड़कर तितर-बितर हो गए। दूसरी बार में करीब 10 लोग दरवाजे पर पहुंचे। नेट लगाने के साथ इसे चारपाई से कवर दिया। इसी बीच मौका पाकर तेंदुए को ट्रंकुलाइज किया गया। बेहोशी से पहले तेंदुए ने बाहर भागने की कोशिश की और जाल में फंस गया। फिर टीम ने उसे पिंजरे में डाला और बायो पार्क ले आई।