उदयपुर। शहर के भुपालपुरा थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपने ही एक परिचित के खिलाफ उसे जमीन बेचकर पैसा लेकर विक्रय ईकरार कर जमीन को किसी अन्य को बेचने और पैसा हड़पने व लोगोंं की जमीन को भी अपना बताकर बेचकर पैसा हड़पने का मामला दर्ज करवाया है।
पुलिस के अनुसार डॉ. पंकज पुत्र बसंती लाल चौधरी निवासी माधव कॉलोनी गणेश नगर कालका माता रोड़ ने गिरधारी लाल पुत्र शंकर लाल चौधरी निवासी गोकुलपुराए उत्तरी आयड़ के खिलाफ मामला दर्ज करवाया कि वर्ष 2016 में गिरधारी लाल चौधरी द्वारा उसके समक्ष ग्राम देबारी 50 हजार फीट जमीन कन्वर्ट कराकर देने का और ग्राम खेड़ा कानपुर 10000 वर्गफिट कन्वर्ट कराकर देने का व ग्राम देबारी में अपना हिस्सा बेचने का प्रस्ताव रखा।
जिस पर उसने विश्वास कर देबारी में 50 हजार वर्गफीट भूमि का कन्वर्ट कराकर देने की शर्त के साथ तीन करोड़ में बेचना तय किया। जिसके एडवांस उससे 75 लाख लाख रूपये 12 जनवरी 2016 को चैक से और 25 लाख रूपये 18 जनवरी 2016 को चैक से कुल 1 करोड़ रूपए गिरधारी चौधरी को दिए। शेष राशि गिरधारी चौधरी को भूमि कन्वर्ट कराकर एक वर्ष में देने का तय किया था, जिसका एक ईकरार भी बनाया गया था।
एक वर्ष में रजिस्ट्री नहीं करवाने पर एडवांस रकम वापस लौटाना तय किया था। गांव खेड़ा कानपूर में 10000 वर्गफीट कन्वर्ट कराकर देने की शर्त के साथ 60 लाख रूपए में बेचना तय किया, जिसके एडवांस के एवज में 9 लाख रूपए 2 जुलाई 2016 को आरटीजीएस के माध्यम से दिए। शेष राशि गिरधारी चौधरी ने भूमि कन्वर्ट कराकर एक वर्ष में रजिस्ट्री करवाकर प्राप्त करना तय किया था। इसका भी एक इकरार बनाया था। करनी थी। एक वर्ष में रजिस्ट्री नहीं करवाने पर एडवांस रकम वापस लौटाना तय किया था।
गिरधारी चौधरी ने ग्राम देबारी उसके हिस्से की भूमि 1 करोड़ 55 लाख रूपए में बेचना तय किया, जिसके एडवांस के रूप 50 लाख रूपए चैक से दिए। समयावधि बीत जाने के बाद गिरधारी लाल चौधरी से सम्पर्क किया तो उसने कहा कि भूमि कन्वर्ट की फाइल लगा रखी है और उसने कन्वर्ट के 17 लाख रूपए दिए थे, जो वापस मांगे। जिस पर डॉ. पंकज ने 17 लाख रूपए चैक से दिए।
वर्ष 2019 में गिरधारी लाल चौधरी से जमीनों की रजिस्ट्री करवाने को लेकर बात की तो वह टालमटोल करने लगा। इस पर उसने अपने स्तर पर पता किया तो सामने आया कि देबारी में जिस जमीन का ईकरार उससे किया है उस खसरे में से इसके पास कोई हिस्सा नहीं है। एक अन्य खसरे जिस भूमि का इकरार नामा किया है उसके कन्वर्ट करवाने की फाईल ही नहीं लगी है। साथ ही एक अन्य ईकरार जो किया था उससे इकरारनामे के बाद दूसरे को दे दी गई है।
गिरधारी लाल ने उससे इकरार नामा पर रूपये प्राप्त करने के बावजूद भी कर दूसरे को बेच दी व जो खसरा इसके नाम पर नहीं है उसे भी अपना बताकर पैसे प्राप्त कर लिए। इस पर जब डॉ. पंकज ने गिरधारी चौधरी से बात की तो उसने कहा कि उसे पैसों की जरूरत थी इसलिए उसने यह गलत एग्रीमेन्ट किए है। साथ ही कहा कि वह धीरे-धीरे कर चुका देगा।
कुछ समय बाद गिरधारी लाल चौधरी को पैसा लौटाने के लिए कहा तो गिरधारी लाल चौधरी ने 6 माह पूर्व आयड़ शोभागपुरा 100 रोड़ पर उसके उपर पिस्टल तान दी और जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।