उदयपुर जिले की वल्लभनगर थाना पुलिस ने महिला के साथ मिलकर हनी ट्रेप में फंसाकर दुष्कर्म के केस में फसाने की धमकी देकर फिरौती मांगने वाली गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित कुल 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। थानाधिकारी दिनेश पाटीदार ने बताया कि प्रार्थी गोपी लाल पिता भूरा गुर्जर ने रिपोर्ट दी कि मेरे पास तीन-चार दिन से एक महिला का फोन आ रहा था जिसने 15 मई को वल्लभनगर मिलने बुलाया। मोटरसाइकिल से बरकटों की मगरी करणपुर जाते समय रास्ते में दो मोटरसाइकिलों पर उसकी गैंग के सदस्य मिले। जिन्होने मेरे साथ मारपीट कर छिना झपट्टी कर मोबाईल व मोटरसाइकिल ले ली तथा जान से मारने व बलात्कार के मुकदमे में फसाने की धमकियां देकर मुझे जबरन मोटरसाइकिल पर बीच में बैठा कर नवानिया होते हुए आवरीमाता जी मंदिर के पास धर्मशाला में कमरे में ले जाकर मारपीट की व रात्रि में बंधक बना कर रखा। मेरे पहनी हुए रामनामी सोने की दो मादलिया, कान की दो सोने की बालियां एवं 11,500 रूपये ले लिये तथा पांच लाख रूपये नही देने पर महिला से बलात्कार का प्रकरण दर्ज कराने व जान से मारने की धमकियां देकर पांच लाख रूपये की फिरौती मांगी गई। अभियुक्तगण ने मेरे मोबाईल से मेरी मां के मोबाईल पर फोन कर फिरौती की रकम पांच लाख रूपए की मांग कर तुरन्त फोन स्वीच ऑफ कर दिया।

इस रिपोर्ट के बाद पुलिस टीमों का गठन किया गया। गठित टीमों द्वारा घटनास्थल व आस-पास क्षेत्र के सीसीटीवी केमरों को खंगाला गया। साइबर सेल टीम की सहायता व तकनीकी सहयोग प्राप्त किया गया। आरोपी फिरौती की रकम प्राप्त करने के लिए प्रार्थी को अलग-अलग स्थानों पर फोन करके बुला रहे थे। पुलिस टीम ने अलग-अलग स्थानों पर सादा वस्त्रों में घेराबंदी कर रखी थी। अभियुक्त मोटरसाइकिल पर बैठ कर प्रार्थी के पास जैसे ही पहुंचे पुलिस टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए 3 अभियुक्तों को पकड़ कर पूछताछ की और उसके बाद गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्तों से प्रार्थी की छिनी गई सोने की रामनामी, दो मादलिया व कान की सोने की दो बालिया एवं घटना में प्रयुक्त रॉयलइन्फील्ड मोटरसाइकिल को जब्त किया गया। अभियुक्तों ने पूछताछ में 6 आदमी व 1 महिला के साथ गैंग बनाकर घटना कारित करना स्वीकार किया। पुलिस ने इस मामलें में गैंग के मुख्य सरगना दशरथ सिंह उर्फ शैतान सिंह पिता गोवर्धन सिंह, मोती लाल पिता उदा डांगी और दीपक भाट पिता गोपाल को गिरफ्तार किया है।
अभियुक्त इस तरह वारदात को देते थे अंजाम
इस गैंग के सदस्य कुंवारे या विधुर व्यक्तियों को निशाना बनाकर गैंग की महिला सदस्य को उसके माबाईल नम्बर देकर कुछ दिनों तक उससे बातें करवाते हैं एवं चिन्हित व्यक्तियों को बातों में फंसाकर महिला मिलने के लिए सुनसान जगह पर बुलाती हैं। गैंग के अन्य सदस्य पहले से मौजूद होकर आदमी को महिला के साथ पकड़ लेते तथा महिला को परिवार की सदस्य बताकर दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कराने की धमकियां देते हैं तथा आदमी के द्वारा फिरौती की रकम देने से मना करने पर उसके शरीर पर पहने सोने के आभूषण, पैसे, मोबाईल व वाहन छिन कर व्यक्ति को अपहरण कर के अन्य जगह ले जाते हैं जहां उससे फिरौती की रकम मांगने के लिए पीड़ित को उसके रिश्तेदारों को फोन करवाते हैं तथा उसको ऐसे ही रिश्तेदार से फोन करवाते हैं जो पूर्व नियोजित गैंग का छुपा हुआ सदस्य होता है तथा पीड़ित का दोस्त या रिश्तेदार होता हैं। पिडीत को उस दोस्त (गैंग का छुपा हुआ सदस्य) की गारंटी पर पीड़ित को फिरौती की रकम इक्कठा करने के लिए छोड़ दिया जाता हैं। पीड़ित उस दोस्त (गेंग का छुपा हुआ सदस्य) के भरोसे फिरौती की रकम गैंग के सदस्यों तक पहुंचाता हैं। तथा वह छुपा हुआ गैंग का सदस्य पीड़ित को भरोसा दिलाता हैं कि मैं फिरौती मांगने वालों को जानता हूं तथा तेरे मामले का निपटारा करा दूंगा।