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6 दोषियों को 20—20 साल की सजा, 1 दोषी को 10 साल की सजा, कोर्ट ने लगाया आर्थिक जुर्माना

उदयपुर। शहर के बहुचर्चित 3 हजार करोड के मेंड्रेस ड्रग्स मामले में सोमवार को न्यायालय ने सातों दोषियों को सजा सुनाई है। एनडीपीएस एडीजे-1 कोर्ट के पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश मनीष वैष्णव ने एनडीपीएस एडीजे-1 कोर्ट के पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश मनीष वैष्णव ने रवि दूदानी, परमेश्वर व्यास, अनिल मलकानी, संजय आर पटेल, निर्मल दूदानी और गुंजन दूदानी को 20-20 साल की सजा सुनाई साथ ही इन सभी को 2—2 लाख रूपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है जबकि अतुल म्हात्रे को 9 साल की सजा सुनाई गई साथ ही एक लाख रूपए का आर्थिक दंड लगाया गया। बता दे कि अतुल म्हात्रे गंभीर बिमारी से पीड़ित है। कुल सात दोषियों में से रवि दूदानी और परमेश्वर व्यास 9 साल तक सेंट्रल जेल में बंद थे। बाकी पांच आरोपी जमानत पर बाहर थे। जिन्हें अब सजा सुनाई गई।

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रवि दूदानी व परमेश्वर व्यास 9 साल से बंद थे जेल में

बहुचर्चित ड्रग्स रैकेट मामले में एनडीपीएस एडीजे-1 कोर्ट ने गत शुक्रवार को सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए सोमवार को सजा सुनाने का ऐलान किया था। इसके बाद सोमवार को एनडीपीएस एडीजे-1 कोर्ट के पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश मनीष वैष्णव ने रवि दूदानी, परमेश्वर व्यास, अनिल मलकानी, संजय आर पटेल, निर्मल दूदानी और गुंजन दूदानी को 20-20 साल की सजा सुनाई साथ ही इन सभी को 2—2 लाख रूपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है जबकि अतुल म्हात्रे को 9 साल की सजा सुनाई गई साथ ही एक लाख रूपए का आर्थिक दंड लगाया गया। बता दे कि अतुल म्हात्रे गंभीर बिमारी से पीड़ित है। कुल सात दोषियों में से रवि दूदानी और परमेश्वर व्यास 9 साल तक सेंट्रल जेल में बंद थे। बाकी पांच आरोपी जमानत पर बाहर थे। जिन्हें अब सजा सुनाई गई।

50 गवाह, 1000 दस्तावेज और 300 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण

प्रकरण में सुनवाई के दौरान 50 गवाह, 1000 दस्तावेज पेश किए गए थे। साथ ही 1600 कंट्रोल सैंपल पर आर्टिकल और 300 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर आर्टिकल डलवाकर 50 गवाह पेश किए गए। इसके बाद आरोपियों पर दोष सिद्ध हो पाया। मामले में केन्द्र सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के अतिरि​क्त महाधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल, विशिष्ट लोक अभियोजक राजेश वसीटा और विशिष्ट लोक अभियोजक एससी शर्मा ने पैरवी की।

23 हजार 500 किलो एमडी ड्रग्स की थी बरामद

डायरेक्ट्रेट आफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) की टीम को मुंबई में इनपुट मिला था। जिसके आधार पर 28 अक्टूबर 2016 में उदयपुर के कलड़वास स्थित फैक्ट्री पर छापा मारा गया था। यहां से 23 हजार 500 किलो एमडी ड्रग्स बरामद की गई थी। उस समय इसकी कीमत 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई थी। इसके बाद टीम ने गुडली और राजसमंद के धोइंदा में भी छापेमारी की थी।


फैसले के दौरान कोर्ट रूम में कई अधिवक्ता रहे मौजूद

सोमवार को एनडीपीएस एडीजे-1 कोर्ट में अधिवक्ताओं का जमावडा लगा रहा। दोपहर 12.30 के बाद जब ड्रग्स मामले के सभी दोषियों को कोर्ट में पेश किया तो वहां पर कई अधिवक्ता मौजूद रहे। खास बात यह है कि सभी की नजर इस केस पर बनी हुई थी और सभी को सजा का इंतजार था। ऐसे में सोमवार को सजा सुनाने से पहले कोर्ट के बाहर अधिवक्ताओं का जमावडा लग गया।

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