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कुंभलगढ़ में टाइगर की होगी एंट्री, वन विभाग टाइगर के लिए लेकर आएगा

कुंभलगढ़ में टाइगर की होगी एंट्री, वन विभाग टाइगर के लिए लेकर आएगा रिवाइल्डिंग प्रोजेक्ट
उदयपुर के सज्जनगढ़ पार्क से भेजे गए 40 चीतल
टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग टाइगर्स के लिए बनाएगा घने जंगल

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अब जल्द ही आपको कुंभलगढ़ में टाइगर की दहाड़ सुनाई देगी। इसकी शुरुआत जल्द ही होने वाली हैं। कुभलगढ़ में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग टाइगर के लिए घने जंगल बनाएगा जिसमें टाइगर के लिए तालाब-झरने होंगे। वन विभाग रिवाइल्डिंग प्रोजेक्ट के तहत जंगलों में टाइगर को फिर से बसाना चाहता है, जहां 50-60 साल पहले टाइगर रहा करते थे। केन्द्र सरकार की ओर से धौलपुर जिले को टाइगर सेंचुरी को मंजूरी मिल गई है इसके बाद दूसरा नंबर कुंभलगढ़ का है। केन्द्र सरकार की जल्द मंजूरी मिलने के बाद कुंभलगढ़ के जंगलों में टाइगर की आवाजें सुनाई देगी। इसके साथ ही पर्यटकों की संख्या में और बढ़ावा होगा। वाइल्ड लाइफ अधिकारी आलोक नाथ गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार को रिवाइल्डिंग प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। जिसको लेकर अभी तक मंजूरी नहीं मिली हैं। लेकिन धौलपुर में स्वीकृती मिलने के बाद उम्मीद है कि जल्द कुभलगढ़ (राजसंमद) में इसकी मंजूरी मिल जाएगी। रिवाइल्डिंग का अर्थ है जंगल को फिर से जंगल बनाना। जंगलों को ठीक वही पहचान वापस देना, जिसके लिए वे प्रसिद्ध रहे हैं। इसमें पेड़-पौधे, पक्षी और वन्यजीव शामिल हैं। इसको लेकर तैयारी शुरु कर दी हैं। टाइगर के लिए ग्रास लैन्ड बनाने का कार्य किया जा रहा हैं। जंगलों में टाइगर के लिए पानी और झरनों की व्यवस्था भी की जा रही हैं। इसके साथ उदयपुर के सज्जनगढ़ पार्क से 40 चीतल को यहां लेकर आया गया है जिनकी ब्रीडिंग करावई जा रही है जिससे ज्यादा पार्टनर मिल सकेंगे।

केंद्र की ओर से जल्द रिवाइल्डिंग प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो ऐसे में पर्यटन के क्षेत्र में जबरदस्त बूम आएगा। लोगों के पास टाइगर देखने के लिए रणथम्भौर-सरिस्का के अलावा कुंभलगढ़ भी इसमें एक जगह होंगी। गाइड, होटल, ट्यूर-टैक्सी, फूड, फिल्म शूटिंग से जुडे़ रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी। जंगल और पर्यावरण संरक्षण के लिए टाइगर का होना बहुत जरूरी माना जाता है। किसी एक ही जंगल में सारे टाइगर होने से कभी कोई बीमारी फैलने पर उन्हें बचाया जाना मुश्किल हो जाता है। अलग-अलग जगहों पर रहने से किसी बीमारी का असर एक ही जंगल के टाइगर पर होगा न कि सभी पर।

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