उदयपुर में जग के नाथ निकले नगर भ्रमण पर, भक्तों को दिए दर्शन, हजारों भक्तों ने रथ खींचा
भगवान को दी गई 21 बंदूको की सलामी
मेवाड के पूर्व राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह ने निभाई परम्परा, पूजा के बाद रथ को खींचा

पुरी की तर्ज पर उदयपुर में 400 साल पुराने जगदीश मंदिर से शुक्रवार को भगवान श्री जगन्नाथ की विशाल रथयात्रा निकाली गई। 80 किलो चांदी से तैयार किए गए रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ स्वामी, माता महालक्ष्मी, दानी रायजी की श्रृंगारित मनमोहन प्रतिमाओ को विराजित किया गया और सभी को राजसी वस्त्र धारण करवाएं गए। रथयात्रा के रवाना होने से भगवान की प्रतिमाओं की विशेष पूजा अर्चना की गई। जिसमें मेवाड के पूर्व राजघराने के सदस्य व नाथद्धारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड ने पूजा अर्चना की। इसके बाद विश्वराज सिंह ने प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी रथ खींचकर रथयात्रा को प्रारम्भ किया। मेवाड के पूर्व राजघराने की ओर से रथ खींचने की परम्परा कई वर्षो से निभाई जा रही है। इससे पूर्व राजसमंद सांसद महिमा कुमारी ने मंदिर के अंदर निकलने वाली रथयात्रा में भाग लेकर भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की।
भगवान की प्रतिमा को मंदिर से नीचे लाते हुए
जगदीश मंदिर के अंदर निकाली गई रथयात्रा
परम्परा के अनुसार आषाढ सुदी बीज पर निकलने वाली रथयात्रा से पहले भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा जगदीश मंदिर परिसर में निकलती है और उसी परम्परा को निर्वहन करते हुए दोपहर एक बजे मंदिर परिसर में रथयात्रा निकाली गई। इस रथयात्रा में पुजारी परिवार के साथ चनिंदा लोग ही शामिल हुए। राजसमंद सांसद महिमा कुमारी ने मंदिर में निकलने वाली रथयात्रा में भाग लिया और पूजा अर्चना की। मंदिर में रथयात्रा के पूर्ण होने के बाद भगवान की प्रतिमाओं को मंदिर से बाहर लाया गया।
भगवान जगन्नाथ को दी गई 21 बंदूको की सलामी
जगदीश मंदिर से निकलने वाली रथयात्रा के लिए भगवान की प्रतिमाओं को मंदिर से नीचे लाया गया और रथ में विराजित किया गया। इसके पश्चात प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान 21 बंदूकों से सलामी दी गई। यह परम्परा भी वर्षो से चली आ रही है। जिसे आज भी निर्वहन किया जा रहा है।
रथयात्रा में शामिल हुई कई झांकिया
रथयात्रा को आकर्षण बनाने के लिए विभिन्न समाजों के संगठनों की ओर से रथयात्रा में झांकियो को शामिल किया जाता है। इस वर्ष विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ—साथ धार्मिक संगठनों की ओर से झांकियो को तैयार कर रथयात्रा में लाया गया। रथयात्रा से पूर्व इन झांकिया को निकाला गया। जगदीश चौक में रथ में विराजे जगन्नाथ के सामने से भी झांकिया निकली तो जगदीश चौक जयकारों से गूंज उठा। रथयात्रा में भगवान शिव के साथ परशुराम, कल्लाजी बावजी, साई बांबा की झांकी शामिल थी। इस रथयात्रा में किन्नर समाज की ओर से तैयार की गइ झांकी को भी शामिल किया गया।
रथयात्रा पर पुलिस प्रशासन ने बनाए रखी पैनी नजर
जगदीश मंदिर से निकलने वाली रथयात्रा में हजारों भक्त जगदीश मंदिर पहुंचते है व रथयात्रा के दौरान लाखों भक्त शामिल होते है। ऐसे में जगदीश मंदिर व रथयात्रा मार्ग पर पुलिस की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए। रथयात्रा मार्ग पर चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए भवनों पर पुलिस के जवान तैनात किए साथ ही रथयात्रा में पुलिस के जवान सादी वर्दी में तैनात रहे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रेंज के अधिकारियों ने भी रथयात्रा में पूर्ण रूप से नजर बनाए रखी।
रथ में भगवान जगन्नाथ को विराजित करने के बाद पुजारी परिवार पूजा करते हुए
जगदीश मंदिर के बाहर से भक्त रथ को खींचते हुए